भोपाल: मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान को लेकर अभी सबकी नज़रें भोपाल पर टिकी हुई हैं। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ को आज फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए कहा गया था। लेकिन कमलनाथ ने बहुमत परिक्षण पर स्थगन मांगने के लिए राज्यपाल से कहा है कि, उनके कुछ विधायकों को "बंदी" बनाया गया है और उन्हें लगता है कि फ्लोर टेस्ट तभी होना चाहिए जब सभी विधायक आज़ाद हों।
इसके बाद लालजी टंडन ने बहुमत परिक्षण के फैसले को टाल दिया है और मध्य प्रदेश की विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सीएम कमलनाथ ने गवर्नर को लगभग 6 पेज की लंबी चिट्ठी लिखी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने कांग्रेस के कई विधायकों को बंदी बनाकर कर्नाटक पुलिस के नियंत्रण में रखकर उन्हें कई प्रकार के बयान देने को विवश किया जा रहा है।
आपको बता दें कि गवर्नर लालजी टंडन ने विधानसभा स्पीकर को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था. इसके बाद सीएम कमलनाथ ने सोमवार को गवर्नर को उनकी चिट्ठी का जवाब दिया. कमलनाथ ने अपने पत्र में संविधान की धारा 175(2) के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया. सुप्रीम कोर्ट ने रेबिया एवं बमांग बनाम अरुणाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष मामले में इस हेतु व्यवस्था दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में गवर्नर और विधानसभा के बीच के संबंधों की व्याख्या की थी.
कोरोना वायरस का डर, ब्रिटेन की महारानी ने छोड़ा अपना घर
स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा एलान, कहा- Coronavirus की जांच मुफ्त करेगी सरकार
उत्तर कोरिया में मिला कोरोना वायरस का पहला मरीज, किम जोंग ने जारी किया खौफनाक आदेश