संवैधानिक सिद्धांतों, विचारों पर जान बूझकर हमला : सोनिया
संवैधानिक सिद्धांतों, विचारों पर जान बूझकर हमला : सोनिया
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नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को असहिष्णुता के मुद्दे पर मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। लोकसभा में संविधान के प्रति प्रतिबद्धता से जुड़ी विशेष चर्चा में सोनिया ने कहा कि जिन सिद्धांतों से देश दशकों से प्रेरणा लेता रहा है, आज उन पर जान बूझकर हमले किए जा रहे हैं। सोनिया ने कहा, जिन लोगों की संविधान में आस्था नहीं है, जिनका कोई योगदान इसे बनाने में नहीं है, वे ही आज इसके बारे में लगातार बातें कर रहे हैं, इसे अपना बताने की कोशिश कर रहे हैं। इससे बड़ा मजाक कोई और नहीं हो सकता। सोनिया ने कहा, बीते कुछ महीनों से हम जो कुछ देख रहे हैं, वह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। आज का दिन खुशी का है, लेकिन दर्द भी है।

जिन सिद्धांतों ने हमें दशकों तक प्रेरणा दी, उन पर खतरा मंडरा रहा है। उन पर जान बूझकर हमला किया जा रहा है। सदन ने अंबेडकर की 125वीं जयंती पर हो रहे कार्यक्रमों के तहत भारतीय संविधान के प्रति प्रतिबद्धता के मुद्दे पर चर्चा की। अंबेडकर को संविधान का मुख्य निर्माता माना जाता है। कांग्रेस बीते कुछ महीनों से मोदी सरकार पर 'असहिष्णुता बढ़ने' के मामले में हमले कर रही है। संविधान बनाने में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के योगदान की चर्चा के दौरान सोनिया ने यह भी कहा कि अंबेडकर ने संविधान की मंजूरी की प्रक्रिया में कांग्रेस के योगदान की सराहना की थी।

सोनिया ने कहा, वह कांग्रेस थी जो अंबेडकर को संविधान सभा में लाई थी और जिसने उनकी अद्भुत प्रतिभा और क्षमता को मान्यता दी थी। जब भाजपा नेताओं ने बीच में उन्हें टोका तो सोनिया ने कहा, यह इतिहास है। आपको आपत्ति है क्या? कांग्रेस में इस तरह का अहसास पाया जा रहा है कि राजग सरकार अंबेडकर की विरासत को भी हड़पने की कोशिश में है। अंबेडकर की विनम्रता के बारे में बात करते हुए सोनिया ने कहा कि संविधान मसौदा समिति का अध्यक्ष चुने जाने पर उन्होंने कहा था कि उनसे अधिक जानकार लोग संविधान सभा में हैं।

सोनिया ने कहा कि उस वक्त संविधान सभा के अध्यक्ष डाक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि अंबेडकर को मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाए जाने से बेहतर कोई और फैसला नहीं हो सकता। सोनिया ने संविधान निर्माण में पंडित जवाहर लाल नेहरू के योगदान का जिक्र किया और कहा कि वह संविधान सभा को निर्देशित करने वाले चार पुरोधाओं में से एक थे। नेहरू के साथ उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद और मौलाना अबुल कलाम आजाद का नाम लिया। सोनिया ने कहा कि संविधान का इतिहास पुराना है और यह देश की आजादी की लड़ाई और कांग्रेस से जुड़ा हुआ है।

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