अपने बयान से शशि थरूर ने मारी पलटी, क्या गांधी परिवार नहीं दे रहा साथ ?
अपने बयान से शशि थरूर ने मारी पलटी, क्या गांधी परिवार नहीं दे रहा साथ ?
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कोच्ची: कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने अपने बयान से पलटी मार ली है, जिसमें उन्होंने केरल का सीएम बनने की इच्छा जाहिर की थी। अब उन्होंने अपने बयान से यू टर्न मारते हुए कहा है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के लिए तैयार नहीं हैं, और जो काम वह बीते 14 वर्षों से कर रहे हैं वो करते रहेंगे। शशि थरूर ने कन्नूर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ‘मैं CM पद के लिए तैयार नहीं हूं और इसमें और कुछ कहने को नहीं है।’ इससे पहले थरूर ने सीएम बनने की इच्छा जताई थी और कहा था कि वह ‘सीएम पोस्ट के लिए तैयार’ हैं।

बता दें कि, थरूर ने कुछ दिनों पहले कहा था कि, ‘मैं पोस्ट के लिए तैयार हूं, मगर यह फैसला जनता पर निर्भर करता है। केरल द्वारा सामना किए जा रहे मुद्दों के अंतर्निहित कारणों को समझने की जिम्मेदारी हमारी है।' बता दें कि, सूबे में अगला विधानसभा चुनाव 2026 में प्रस्तावित है। कांग्रेस सांसद हिबी ईडेन ने थरूर के बयान पर कहा था कि कोई भी व्यक्ति CM बनने की इच्छा कर सकता है, मगर इसके लिए ‘हाई कमान से क्लियरेंस’ लेना होगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सांसद ने कहा कि, ‘यह फैसला पार्टी को करना चाहिए कि किसे लड़ना है। एक सांसद यह फैसला नहीं कर सकता है। पार्टी को यह तय करना है, यदि राज्य की राजनीति में उनकी आवश्यकता है।’ ईडेन ने कहा कि पार्टी ने अभी यह निर्धारित नहीं किया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा। उन्होंने कहा कि ‘थरूर इच्छा प्रकट कर सकते हैं, मगर पार्टी ने उन्हें इसके लिए अपॉइंट नहीं किया है। हर कोई यह चाह सकता है, कोई भी हो उन्हें हाई कमान से क्लियरेंस लेना होगा।’

बता दें कि, इससे पहले शशि थरूर ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे गांधी परिवार के अघोषित, किन्तु आधिकारिक उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे से बुरी तरह हार गए थे। उस समय भी सियासी पंडितों ने कहा था कि, मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत गांधी परिवार के समर्थन के बिना नहीं हो सकती थी।  दरअसल, बीते कुछ समय से शशि थरूर कांग्रेस में संगठनात्मक परिवर्तन की वकालत कर रहे थे, जिसे कांग्रेस का हाईकमान बगावत के रूप में देख रहा था। अब गांधी परिवार किसी ऐसे व्यक्ति को तो अध्यक्ष बना नहीं सकता था, जो उनके इशारे के बगैर फैसले कर ले। इसलिए खड़गे को परदे के पीछे से समर्थन दिया गया था। अब ऐसा ही कुछ थरूर को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर भी हो रहा है, क्योंकि केरल में भी कांग्रेस कोई ऐसा चेहरा तलाशेगी, जो हाईकमान के हर कहे का बिना सवाल-जवाब के पालन करे।

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