हूरों के लिए मंदिर उड़ाना चाहता था मोहम्मद शरीक, पर कांग्रेस की नज़रों में वह 'आतंकी' नहीं
हूरों के लिए मंदिर उड़ाना चाहता था मोहम्मद शरीक, पर कांग्रेस की नज़रों में वह 'आतंकी' नहीं
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बैंगलोर: देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवादियों के साथ खड़ी नज़र आ रही है। दरअसल, हालिया मामले में कर्नाटक कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) ने मंगलुरु बम विस्फोट के आरोपित मोहम्मद शरीक को क्लिनचिट दे दी। कांग्रेस नेता शिवकुमार ने इस ब्लास्ट को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ते हुए गुरुवार (15 दिसंबर) को कहा कि यह विस्फोट एक गलती थी।

कांग्रेस नेता शिवकुमार ने आतंकी गतिविधियों के आरोपित मोहम्मद शरीक का बचाव करते हुए कहा कि, 'बगैर जाँच के उन्होंने (सरकारी एजेंसियों ने) शरीक को आतंकवादी कैसे घोषित कर दिया? क्या यह मुंबई जैसा आतंकी हमला था? यह कुछ भी नहीं है। किसी ने इसे गलती से किया होगा।' कांग्रेस नेता के इस बयान से ऐसा लग रहा है, जैसे अगर इस ब्लस्ट में मुंबई आतंकी हमले की तरह 200 लोग मरते, तभी शिवकुमार, आरोपी मोहम्मद शरीक को आतंकी मानते। अगर आतंकियों की योजना सफल हो जाती और कई लोग मारे जाते, तो यही शिवकुमार राज्य सरकार पर हमला कर रही होते अब हमला टल गया है, तो पार्टी आतंकी के बचाव में उतर आई है क्या एक आतंकी केवल इसलिए आतंकी नहीं है, क्योंकि वो हमले को सही तरह से अंजाम नहीं दे सका ? दरअसल, मोहम्मद शरीक की पूरी सोच और विचारधारा वही है, जो जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तोइबा के आतंकियों की होती है। लेकिन, अब भी कांग्रेस आरोपी का बचाव कर रही है, क्या इसके पीछे केवल वोट बैंक को खुश रखना है ?    

मंगलौर ब्लास्ट केस के आरोपी का आतंकी कनेक्शन:-

 कर्नाटक के मंगलुरु में हुए कुकर ब्लास्ट की जाँच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा की जा रही है। अब तक की छानबीन में पता चला है कि आरोपित मोहम्मद शरीक एक तरफ मंगलुरु में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था, वहीं दूसरी तरफ वो आतंकी संगठन ISIS की मदद से भारत में खलीफा का शासन लागू करने की कोशिश में भी लगा हुआ था। मोहम्मद शरीक ने अपने जैसे 40 लोगों को प्रशिक्षण भी दिया था।

रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद शरीक शिमोगा जिले के तिर्थाली कस्बे के शोपूगुड्डे का निवासी है। छोटे से शोपूगुड्डे गाँव में महज 100 मीटर के दायरे में यहाँ 5 संदिग्ध आतंकियों का घर है। इन आतंकियों के नाम मोहम्मद शरीक, अब्दुल मतीन है, माज मुनीर, सैयद यासीन और अराफात अली बताए गए हैं। शरीक की गिरफ़्तारी के बाद इस पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। एक रिपोर्ट के अनुसार, शरीक की मौसी मीडिया से बात करते हुए बताया कि शरीक हमेशा घर की औरतों पर रोकटोक करता रहता था। उन्हें हिंदुओं से बातें नहीं करने देता था। आतंकी की मौसी ने बताया कि फरवरी 2020 में जो शिवमोगा की दीवारों पर आतंकी संगठन लश्कर और ISIS के समर्थन में नारे लिखे गए थे, उसमें शरीक और उसके साथियों की ही भूमिका थी। उस वक़्त उसके पिता ने ही शरीक को जमानत पर छुड़वाया था और उसे बेंगलुरु और उडुपी भेज दिया था।  

शरीक की मौसी का कहना है कि वहाँ से लौटने के बाद शरीक अक्सर नमाज, इबादत और अल्लाह की बातें किया करता था। पहले उसकी दाढ़ी छोटी थी, लेकिन लौटने पर उसने दाढ़ी भी बढ़ानी शुरू कर दी थी। उसे जब भी निकाह के लिए कहा जाता, तो वह हर बार एक ही जवाब देता कि, 'मेरा तो सब कुछ अल्लाह है। कुछ ऐसा करूँगा कि जन्नत में 72 हूरें मिलेंगी, वही मेरी असली दुनिया है।'

शरीक की मौसी बताती हैं कि, 'उसकी ऐसी हरकतें देखकर हमें लगता था कि वह दीन (इस्लाम) में ज्यादा है। लेकिन वो ये सब कर देगा ये हमें नहीं पता था। हमें तो समाज में सबके साथ रहना है, इसने ऐसा कर दिया है कि हम किसी को मुँह दिखाने लायक भी नहीं बचे। इस्लाम में किसी की जान लेने की बात कहीं नहीं है, ये गुनाह है। पता नहीं किस-किस का सुनकर उसने ये सब किया है।' शरीक के परिजन CCTV फुटेज देखने के बाद मानते हैं कि पुलिस ने उसे अरेस्ट करके उसकी जान बचाई है, वरना उसकी हरकत देख उसे मारा भी जा सकता था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शरीक ISIS के आतंकी अब्दुल मतीन के संपर्क में बहुत समय से था। लेकिन दोनों साथ में क्या करते थे ये किसी को नहीं मालूम था।

बता दें कि, मोहम्मद शरीक ने आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए एक हिंदू नाम प्रेम राज हटगी का आधार कार्ड भी चोरी किया था। उसने कुकर में इतना विस्फोटक भरा हुआ था कि उससे पूरी बस उड़ाई जा सकती थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, उसके ठिकानों की छानबीन में हिंदू मंदिर और चिल्ड्रन फेस्टिवल के नक्शे बरामद हुए हैं। वहीं उसके मोबाइल में विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की वीडियो भी मिली थी। बता दें कि, कई आतंकी ये बात कह चुके हैं कि, जाकिर नाइक की वीडियो देखकर वे कट्टरपंथी बने हैं। हालांकि, इतना सब सामने आने के बाद भी कांग्रेस को यदि मोहम्मद शरीक आतंकी नहीं लगता है, तो पार्टी की नियत पर सवाल उठना लाजमी है। यही वजह है कि, कांग्रेस पर वोट बैंक की खातिर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप लगते हैं।   

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