कांग्रेस ने पर्रिकर को घेरा,हलफनामे में FIR की जानकारी नहीं देने का अारोप
कांग्रेस ने पर्रिकर को घेरा,हलफनामे में FIR की जानकारी नहीं देने का अारोप
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नई दिल्‍ली : राजस्थान की मुख्यमंत्री और मोदी सरकार के तीन मंत्रियों के बाद अब कांग्रेस ने एक और मंत्री को अपने निशाने में लिया है. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर हलफ़नामे में अपने ख़िलाफ़ एफआईआर की बात छिपाने का विपक्ष द्वारा आरोप लगाया गया है.

क्या है मामला 

27 जुलाई 2011 को गोवा में दर्ज FIR नम्बर 219/11 में नौ अभियुक्तों की सूची में पांचवें स्थान पर मनोहर पर्रिकर का नाम लिखा गया था.  मामला नॉर्थ गोवा प्लानिंग डेवलपमेंट अथॉरिटी के सदस्य के तौर पर गुजरात की एक कंपनी मेसर्स कनक इंफ़्राटेक को 60 वर्षो के लिए माला झील का सौन्दर्यीकरण और विकास करने की ख़ातिर गोवा में प्राइम लोकेशन की ज़मीन 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर के भाव में देने का है. कुल 44800 वर्ग मीटर ज़मीन प्रदान की गयी थी.

कांग्रेस ने कहा है कि धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं के बावजूद चुनाव आयोग को दिए हलफ़नामे में पर्रिकर ने अपने ख़िलाफ़ दर्ज इस एफआईआर की जानकारी नहीं प्रदान की थी. कांग्रेस लीगल सेल के हेड केसी मित्तल ने बताया है कि ये एक आपराधिक मामला है.

गोवा कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष इसकी शिकायत दर्ज करवाई है, आयोग ने ध्यान नहीं दिया तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखायेगे. बीजेपी की और से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है. हालांकि मनोहर पर्रिकर के आफ़िस ने चुनाव संबंधी क़ानून का हवाला देते हुए कहा है कि हलफ़नामे में एफआईआर की जानकारी प्रदान करना आवश्यक नहीं है. चार्जशीट होने पर ही ऐसा करना जरुरी होता है.

कांग्रेस स्मृति ईरानी, सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे को लेकर पहले ही सत्ता दल के खिलाफ पहले ही जमकर प्रदर्शन किया जा रहा है. इतना ही नहीं  कांग्रेस तुरंत इस्तीफ़े की मांग को भी जोरो से उठा रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की अगुवायी में कांग्रेस ने जंतर मंत्र पर धरना और प्रदर्शन किया जा रहा है. माकन ने कहा  है कि शिक्षा मंत्री रहते अपना बचाव करेंगी तो हितों में टकराव स्थिति दिखेगी.

ललित मोदी की सहायता के मुद्दे पर कांग्रेस ने ललित मोदी के हलफ़नामे का वो अंश प्रस्तुत किया जिससे स्पष्ट  होता है कि उन्होंने किस तरह से वसुंधरा राजे की गवाही का प्रयोग यूके में अपने पक्ष को मजबूती प्रदान करने के लिए दिया था. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने त्यागपत्र की मांग पर ज़ोर डालते हुए बोला कि BJP पूछ रही थी कि affidavit किस context में है. अब ये पूरी तरह स्पष्ट है कि राजे ने कई विवादों के आरोपी लाली मोदी की सहायता की थी.

बात यह है ,एक दिन में 2-3 प्रेस ब्रीफ़िंग और तीन चार धरने के बाद भी कांग्रेस को कोई सफलता नहीं मिल रही है.  कांग्रेस बयानों, टिप्पणियॉ और प्रदर्शन में हर दिन तेजी ला रही है. राजे, सुषमा और ईरानी, तीन धुरन्दरो को रास्ते से हटाने का प्रयास किया जा रहा है  और पर्रिकर को अपने घेरे में ले लिया है. इस पर प्रधानमंत्री मोदी की महिला से  बीजेपी के नेता अभी सुरक्षित महसूस कर रहे है.

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