वाड्रा मामले की जांच करने वाले जस्टिस पर लगा रिश्वत लेने का आरोप
वाड्रा मामले की जांच करने वाले जस्टिस पर लगा रिश्वत लेने का आरोप
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चंडीगढ़ : कांग्रेस ने हरियाणा सरकार पर राॅबर्ट वाड्रा को लेकर चल रहे लैंड डील मामले में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने इस मामले में न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसएन ढींगरा को रिश्वत दी थी। दरअसल ढींगरा इस मामले की जांच कर रहे हैं। यह मामला वाड्रा द्वारा की गई गुड़गांव लैंड डील से जुड़ा है। पार्टी के प्रवक्ता आरएस सुरजेवाला द्वारा कहा गया है कि मनोहरलाल खट्टर सरकार ने रिपोर्ट तैयार करवाने हेतु सेवानिवृत्त न्यायाधीश के ट्रस्ट को लाभ पहुंचाया था। इस मामले में कांग्रेस ने ढींगरा के इस्तीफे की मांग भी की।

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जस्टिस ढींगरा ने हरियाणा सरकार के अनुचित अहसान प्राप्त किए। इस मामले की जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार जब हस्तक्षेप कर रही हो तो फिर निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है। न्यायमूर्ति ढींगरा ने अपने पद से समझौता कर लिया है। ऐसे में उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए। इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि सरकार के शीर्ष पदस्थ द्वारा इसे ठुकरा दिया गया। इसके बाद न्यायमूर्ति ढींगरा से दूसरी रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि ढींगरा को राजनीतिक तरह से उपयोग किया गया है। भारतीय जनता पार्टी उनके वेदांता का उपयोग भी कर रही है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद किरीट सौमेय ने कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के बयान और कांग्रेस के अन्य नेताओं का विरोध किया है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि राॅबर्ट वाड्रा जमीन घोटाले को लेकर भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर जो आरोप लगे वे गलत हैं। उन्होंने ट्विटर पर ट्विट करते हुए कहा कि वाड्रा ने गुड़गावं में 1 लाख 58 करोड़ की संपत्ति अर्जित की। ऐसे में सोमैया ने विभिन्न तरह के दस्तावेज ट्विट भी किए हैं।

उल्लेखनीय है कि ढींगरा भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा मई 2014 को गठित समिति के अध्यक्ष भी हैं। दरअसल यह वही समिति है जिसे राॅबर्ट वाड्रा की स्काइलाईट हाॅस्पिटेलिटी सहित दूसरी निजी फर्मों को कमर्शियल लाइसेंस प्रदान करने की जांच करने हेतु गठित किया गया। दरअसल ढींगरा एक ट्रस्ट के प्रमुख हैं। ट्रस्ट के विद्यालय तक भाजपा सरकार द्वारा सड़क बनाने का निर्णय उन्हें फेवर करने हेतु लिया गया। इस तरह का विद्यालय गुड़गांव के गांव में है। हालांकि इभी इस मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं हुई है। न्यायाधीश ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट 6 सप्ताह में सौंपे जाने का समय मांगा है।

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