लाइसेंस के मामले में हो रही धांधली और बढ़ती चोरी को ध्यान में रखते हुए मद्रास हाइकोर्ट ने एक फैसला सुनाया है, जिसके तहत गाड़ी चलाते वक्त चालक को ओरिजनल लाइसेंस अफने पास रखना अनिवार्य होगा।
इस संबंध में मद्रास उच्च न्यायलय की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने स्पष्ट रुप से कहा है कि 5 सितंबर 2017 से सभी वाहन चालकों को लाइसेंस की मूल प्रति रखना अनिवार्य होगा। खबरों के अनुसार, न्यायलय द्वारा मूल ड्राइविंग लाइसेंस पर जोर देने से राज्य पुलिस को प्रतिबंधित करने के लिए अंतरिम आदेश पारित करने से इंकार कर दिया।
हाइकोर्ट का यह आदेश उस समय में आया है, जब तमिलनाड्डु लॉरी फाउंडेशन की याचिका को ठुकरा दिया गया था, जिसमें उन्होने कहा था कि उन्हें इस मामले में सहुलियत दी जाए। इस फैसले का मकसद अपराधिों के लाइसेंस को पूरी तरह से रद्द करना है।
क्यों कि ज्यादातर ड्राइवर केवल फोटो कॉपी ही रखते है। इस आदेश के बाद जो लोग ड्राइविंग लाइसेंस लेकर नहीं चलेंगे उन्हें 500 रुपए का जुर्माना या तीन माह की जेल की सजा हो सकती है।
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