नई दिल्लीः अब यह तय हो गया कि निशानेबाजी कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ के प्रमुख लुई मार्टिन ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि निशानेबाजी 2022 बर्मिंघम खेलों का हिस्सा नहीं होगी। बता दें कि भारत ने निशानेबाजी को शामिल नहीं करने पर कॉमनवेल्थ गेम्स की बहिष्कार की धमकी दी थी। यह 1974 के बाद पहला अवसर होगा जब निशानेबाजी को कॉमनवेल्थ गेम्स में स्थान नहीं मिलेगा मगर सीजीएफ अध्यक्ष ने बताया कि निशानेबाजी कभी इन खेलों का अनिवार्य भाग नहीं था।
मार्टिन ने ब्रिटेन के ‘डेली टेलीग्राफ’ से बताया, एक खेल को इन खेलों का हिस्सा बनने का अधिकार प्राप्त करना होगा। उन्होंने बताया, ‘निशानेबाजी कभी अनिवार्य खेल नहीं रहा। हमें इस पर काम करना होगा मगर निशानेबाजी खेलों का भाग नहीं होगा। हमारे पास अब कोई जगह नहीं बची है। ’कॉमनवेल्थ गेम्स में निशानेबाजी हमेशा से भारत का मजबूत पक्ष रहा है गोल्ड कोस्ट में पिछले खेलों में भारत ने निशानेबाजी में सात गोल्ड सहित 16 मेडल जीते थे। इस कदम का विरोध करते हुए भारत ने 2022 खेलों के बहिष्कार की धमकी दी थी।
भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने इस संबंध में खेल मंत्री किरण रिजिजू से स्वीकृति मांगी है। खबर के मुताबिक बर्मिंघम ने निशानेबाजी की दो स्पर्धाओं के आयोजन की पेशकश की थी मगर अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) ने इसे ठुकरा दिया। आईएसएसएफ चाहता है कि निशानेबाजी को पूर्ण रूप से खेलों में शामिल किया जाए। इससे पहले सीजीएफ के मैनेजर टॉम डिगुन ने भारत की बहिष्कार की धमकी पर निराशा जताई थी और कहा था कि वह चाहते हैं भारत इन खेलों में शामिल हो।
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