कोल ब्लाॅक मामला - क्या मनमोहन को मज़े लेने के लिए बुलाए जाने की थी मंशा!
कोल ब्लाॅक मामला - क्या मनमोहन को मज़े लेने के लिए बुलाए जाने की थी मंशा!
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नईदिल्ली। कोल ब्लाॅक आवंटन घोटाले के मसले पर न्यायालय द्वारा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से सवाल किए। न्यायालय द्वारा किए गए सवालों में यह बात भी पूछी गई कि क्या मधु कोड़ा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को केवल मजे लेने के लिए ही उन्होंने कोर्ट में हाजिर करवाने का प्रयास किया। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भरत पाराशर द्वारा सवाल किए गए कि क्या आपने मजे लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को बुलवाने का आवेदन प्रस्तुत किया था।

दरअसल न्यायालय ने झारखंड की अमरकोंडा, मुर्गादंगल कोल ब्लाॅक के मसले पर की जाने वाली सुनवाई में अपनी ओर से सवाल किए। ये दोनों कोल ब्लाॅक जिंदल समूह की कंपनियों जेएसपीएल और गगन स्पंज आयरन को आवंटित की गई थीं। इनमें अनियमितता की बात सामने आई थी। न्यायालय में इस मसले पर आरोप तय करने को लेकर बहस हुई। झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के अभिभाषक ने उनकी ओर से दलील दी। जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया। 

इस आरोप पत्र में कहा गया कि इस मामले में कोई षड्यंत्र नहीं किया गया था। हालांकि न्यायालय ने कहा कि आरोप तय करने के ही साथ आप आवेदन जोड़ें। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य दूसरे को आरोपी के तौर पर पेश किए जाने की अपील को लेकर भी न्यायाधीश ने चर्चा की। न्यायालय द्वारा मधु कोड़ा से कहा गया कि उन्होंने षड्यंत्र की बात कही थी मगर इसमें किसी भी तरह का षड्यंत्र नज़र नहीं आ रहा है। 

न्यायालय ने प्रश्न किया तो मधु कोड़ा ने कहा कि समन जारी करने पर उन्होंने दलीलें दी थीं। सीबीआई के अनुसार अधिकारियों ने षड्यंत्र न होने की बात कही थी। मधु ने आगे कहा कि उनका केवल यही कहना था कि यदि किसी तरह का षड्यंत्र है तो फिर सिंह को बुलाया जाना जरूरी है। 

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