जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने शनिवार (2 सितंबर) को राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत को उनकी उस टिप्पणी पर नोटिस जारी किया, जिसमें मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया गया था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार व्याप्त है। उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ के न्यायमूर्ति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने सीएम गहलोत को नोटिस जारी कर उनसे उस विवादास्पद टिप्पणी के संबंध में जवाब देने को कहा है।
Rajasthan HC issues Notice on a PIL seeking criminal contempt against CM Ashok Gehlot.
— Verdictum (@verdictum_in) September 2, 2023
Gehlot had recently made remarks against the Judiciary alleging Corruption.
HC Says: “Contents of the statement, if made by the respondent, prima face make out a case that it tends to… pic.twitter.com/K5qY5fe2JZ
अदालत ने कहा, ''बयान की सामग्री अगर प्रतिवादी द्वारा दी गई है तो प्रथम दृष्टया ऐसा मामला बनता है कि यह अदालतों को बदनाम करता है, क्योंकि यह किसी विशेष मामले या मामलों की श्रेणी का संदर्भ नहीं देता है, बल्कि यह समग्र रूप से न्यायपालिका की सामान्य प्रकृति के खिलाफ जाता है।'' कोर्ट ने यह नोटिस एक जनहित याचिका के जवाब में जारी किया, जो सुप्रीम कोर्ट के वकील और पूर्व न्यायिक अधिकारी शिव चरण गुप्ता द्वारा दायर की गई थी। वकील गुप्ता ने दावा किया कि सीएम गहलोत द्वारा की गई कथित टिप्पणी राज्य न्यायपालिका की छवि को खराब करने और कम करने जैसी है।
इसके बाद उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया और मुख्यमंत्री गहलोत को जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है। अब इस मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी। याचिकाकर्ता, अधिवक्ता गुप्ता ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि राजस्थान उच्च न्यायालय नियम, 1952 में कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है, जो उस तरीके या प्रक्रिया को प्रदान कर सके, जिसके माध्यम से अदालत स्वत: संज्ञान ले सके। उन्होंने कहा कि इसी कारण से, उन्होंने इस मुद्दे पर अदालत का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक याचिका दायर की है। बता दें कि, 30 अगस्त को मीडिया से बात करते हुए, राजस्थान के सीएम गहलोत ने कथित तौर पर कहा था कि, 'आज तो बताइए इतना भ्रष्टाचार हो रहा है न्यायपालिका के अंदर। इतना भयावह भ्रष्टाचार है, कई वकील लोग तो मैंने सुना है लिख के ले जाते हैं जजमेंट और जजमेंट वही आता है।' कथित तौर पर, उन्होंने कहा, 'न्यायपालिका के अंदर क्या हो रहा है? चाहे निचला हो, चाहे ऊपर हो, हालात बड़े गंभीर है।' सीएम गहलोत की इसी टिप्पणी पर हाई कोर्ट ने उनसे जवाब माँगा है।
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