सहमति से संबंध बनाने की उम्र कम करने पर CJI ने दिया सुझाव, जानिए क्या बोली सरकार
सहमति से संबंध बनाने की उम्र कम करने पर CJI ने दिया सुझाव, जानिए क्या बोली सरकार
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बुधवार (21 दिसंबर) को कहा है कि वह सहमति से संबंध बनाने की आयु सीमा को 18 वर्ष से 16 वर्ष नहीं करने जा रही है। उच्च सदन में यह बात महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कही है। दरअसल, सरकार से राज्यसभा में एक सवाल पुछा गया था कि क्या वह सहमति से संबंध बनाने की आयु को कम करने पर विचार कर रहे हैं। इस पर स्मृति ईरानी ने जवाब देते हुए कहा है कि इसका सवाल ही नहीं उठता।

सरकार की यह टिप्पणी देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें CJI ने कहा था कि विधायिका को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (Pocso एक्ट) अधिनियम के तहत सहमति से संबंध बनाने की आयु पर चर्चा करनी चाहिए। बता दें कि पॉक्सो अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए ‘रोमांटिक’ रिश्तों में भी सहमति से यौन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में लाता है। CJI ने यह टिप्पणी उस पृष्ठभूमि के कारण दिया है, जिसमें हाल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मांग की गई है कि ‘रोमांटिक रिलेशन्स’ को अपराध की श्रेणी में नहीं लाया जाना चाहिए। 

इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रिस्पॉन्स दिया कि पॉक्सो एक्ट 2012 में बच्चों को सेक्सुअल अपराधों से बचाने के लिए लाया गया था। यह कानून 18 वर्ष से कम के किसी भी बच्चे को संरक्षण प्रदान करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ‘पॉक्सो एक्ट को 2019 में संशोधित किया गया था, जिसमें इस कानून में सजा ए मौत जैसे सख्त सजाओं का प्रावधान भी जोड़ा गया था। यह सब इसलिए किया गया था, ताकि बच्चों पर होने वाले यौन अपराधों को रोका जा सके।’

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, ‘बच्चे द्वारा किए गए अपराध के मामले में, पॉक्सो एक्ट के तहत धारा 34 पहले से ही बच्चे द्वारा अपराध किए जाने और स्पेशल कोर्ट द्वारा आयु के निर्धारण के मामले की प्रक्रिया प्रदान करती है।’ उन्होंने आगे कहा कि अगर विशेष अदालत के समक्ष किसी भी कार्यवाही में कोई सवाल उठता है कि कोई व्यक्ति बच्चा है या नहीं, ऐसे सवाल का निर्धारण विशेष न्यायालय द्वारा ऐसे व्यक्ति की उम्र के संबंध में स्वयं को संतुष्ट करने के बाद किया जाएगा और वह ऐसे निर्धारण के कारणों को लिखित रूप में दर्ज करेगा। उन्होंने कहा कि, ‘इसके अतिरिक्त, बहुमत अधिनियम, 1875, जिसे 1999 में संशोधित किया गया था, बहुमत प्राप्त करने के लिए 18 साल की आयु प्रदान करता है।’

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