पकिस्तान भी हुआ 'मेड इन चाइना' का शिकार, ड्रैगन ने हथियार के नाम पर थमा दिया घटिया माल
पकिस्तान भी हुआ 'मेड इन चाइना' का शिकार, ड्रैगन ने हथियार के नाम पर थमा दिया घटिया माल
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इस्लामाबाद: आपने अक्सर सुना होगा कि, मेड इन चाइना माल पर भरोसा नहीं किया जा सकता, अब पाकिस्तान इसका शिकार हुआ है। दरअसल, चीन से पाकिस्तानी फ़ौज को जिन हथियारों और गोला-बारूद की सप्लाई की गई है, उनमें से अधिक या तो ख़राब गुणवत्ता के हैं या फिर पूरी तरह खराब हैं। जिसके कारण पाकिस्तानी सेना के सैकड़ों टैंक और अन्य हथियार, युद्ध लड़ने लायक ही नहीं बचे हैं। पाकिस्तानी सेना, चीन की ओर से सप्लाई किए जा रहे खराब हथियारों और उसके कलपुर्जों से इस कदर परेशान है कि उसने अपने परम मित्र चीन से इसे लेकर नाराजगी प्रकट की है। 

रिपोर्ट के अनुसार, चीन से खराब हथियारों की आपूर्ति के साथ-साथ चीन से वक़्त पर हथियारों के पार्टस न मिल पाने के कारण पाकिस्तान में टैंकों के उत्पादन (Production) पर बुरा असर पड़ा है। दरअसल, भारत के खिलाफ अपनी सेना को मजबूत करने में जुटा पाकिस्तान, रडार से लेकर टैंक, मिसाइल, फाइटर जेट और वार शिप तक चीन से ले रहा है। कई ऐसे हथियार हैं जिन्हें पाकिस्तान चीन के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करता है। ऐसे में चीन से खराब गुणवत्ता के पार्ट मिलने से पाकिस्तान के अधिकतर हथियार बेकार हो चुके हैं। अल खालिद टैंकों के कलपुर्जे ने मिलने के कारण गत माह पाकिस्तानी फ़ौज के लिए टैंक और आर्म्ड बनाने वाली Heavy Industries Taxila (HIT) ने चीन को भेजे गए एक फैक्स में नाराजगी प्रकट करते हुए कहा है कि HIT की टैंक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री (Tank Manufacturing Factory) में टैंकों के पार्टस चीन से न मिल पाने के कारण पाकिस्तानी सेना के आधुनिकीकरण पर काफी बुरा असर पड़ रहा है।

चीन के सहयोग से 2015 में जिन अल खालिद-1 टैंकों को पांच वर्षों में तैयार करने पर कार्य शुरू किया गया था, उनमें अब 7 वर्ष की देरी हो चुकी है और अब तक केवल 94 अल खालिद टैंकों को बनाने का काम ही पूरा हो सका है, जबकि 16 टैंक फैक्ट्री में जंग खा रहे हैं। HIT के पत्र के अनुसार, अल खालिद टैंक और दूसरे आर्मड के कई कल पुर्जे खराब पड़े हैं जिसे चीन ने वक़्त पर आपूर्ति का वादा किया था। वहीं, पाकिस्तान सेना की बढ़ती नाराजगी को दूर करने के लिए कुछ महीने पहले चीन की एक स्पेशल टीम ने पाकिस्तान की टैंक मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का दौरा कर 310 ऐसे आइटम की सूची बनाई थी, जिसे रिपेयर नहीं किया जा सकता था। ऐसे में चीन द्वारा इसके बदले नए पार्ट्स भेजे जाने थे, मगर चीन से अब तक इन सामानों की आपूर्ति पाकिस्तान को नहीं हुई है।

बता दें कि गत वर्ष पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने Heavy Industries Taxila (HIT) में बन रहे टैंकों, आर्टलरी गन, आईडी प्रोटेक्शन मिलिट्री व्हीकल के कामों का निरिक्षण किया था। मीडिया को दिए बयान में पाकिस्तानी फ़ौज ने उस दौरान इस बात पर खुशी प्रकट की थी कि HIT स्वदेशी हथियारों को विकसित करने में लगा है। पाकिस्तान जिन हथियारों को तैयार कर रहा है, उनके अधिकतर कलपुर्जे चीन में तैयार हो रहे हैं और अब यही नकली प्रोडेक्ट पाकिस्तानी सेना की गले की फांस बनते जा रहे हैं। पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी समस्या ये है कि वो इसे लेकर चीन का खुल कर विरोध भी नहीं कर सकता क्योंकि उसे डर है कि कहीं चीन उससे खफा न हो जाए।

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