बीजिंग: भारत और चीन के मध्य लबे समय से चल रहे सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर दोनों देशो के 'सीमा तंत्र' (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक हुई है. चीन और भारत के सीमाई क्षेत्रों के प्रभावशाली प्रबंधन और आपसी समबन्धों को लेकर बातचीत हुई है.
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जानकारी के मुताबिक़ चीन-भारत विचार विमर्श के कार्यकारी तंत्र की 12वीं बैठक चीन के सिचुआन शहर में आयोजित की गई थी. इस दल की स्थापन भारत द्वारा 2012 में चीनी घुसपैठ को लेकार आरोप प्रत्यारोप की अधिकता के चलते की गई थी. इस दल का प्रमुख कार्य सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रबंधन को लेकर एक संस्था की भांति कार्य करना है. गुरूवार की बैठक दोनों देशो के मध्य सैन्य संपर्क बढ़ाने को लेकर हुई. इस प्रकार के सैन्य संपर्क की शुरुआत पीएम मोदी और जिनपिंग के मध्य हुई अनौपचारिक मुलाक़ात के बाद शुरू हुई है. इसी शिखर वार्ता के चलते ढाई महीने तक चले डोकलाम विवाद की तना तनी दूर हो गई थी. इस शिखर वार्ता का मक़सद आपसी भरोसे और समझ को बढ़ाना है.
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बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार भारतीय पक्ष ने इस बात पर ज्यादा जोर दिया कि चीन के सीमावर्ती भारतयी इलाकों में शांति बरकरार रहे. दोनों देशो के बीच 3,488 किलोमीटर की वास्तविक सीमा है. जिसपर शांति बनी रहे इसके लिहाज़ से 20 बार बैठकें हो चुकी हैं. चीन के वुहान शहर में आयोजित 20वें दौर की शिखर वार्ता के बाद भारत और चीन के मध्य सैन्य आदान-प्रदान बढे है. जिनमे सैन्य अभ्यास भी शामिल हैं.
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