भारत-जापान की बढ़ती नजदीकियाँ अच्छी नही है चीन के लिए?
भारत-जापान की बढ़ती नजदीकियाँ अच्छी नही है चीन के लिए?
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बीजिंग: जहां एक ओर जापान और भारत की नजदीकियाँ बढ़ रही है तो वही दूसरी ओर चीन की व्यथा बढ़ रही है। शुक्रवार को जापान के पीएम शिंजो आबे भारत पहुंचे और बुलेट ट्रेन समेत कई महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस दौरे पर चीनी मीडिया ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जापानी प्रधानमंत्री धुर प्रतिद्धंद्धी चीन को नियंत्रित करने की अपनी रणनीति के तहत भारत को साथ लेने का प्रयास कर रहे हैं।

चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित टोक्योज पर्सूट ऑफ न्यू डेल्ही में स्टम्बल शीर्षक लेख में प्रकाशित किया गया है कि रणनीतिक नजरिए से जापान-भारत के करीबी संबंधों में चीन एक महत्वपूर्ण वजह है। इस लेख में कहा गया है कि जापान चीन को हर संभव तरीके से नियंत्रित करने एवं घेरने का प्रयास कर रहा है और आबे चीन का मुकाबला करने के लिए मोदी को अपनी ओर लेने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ रहे है। चीन में भारत को पाक-साफ करार देते हुए कहा गया है कि भारत अपनी ओर से चीन और जापान के बीच संबंधों में संतुलन बनाने का प्रयास कर रहा है। भारत की नजर इधर-उधर से रियायतें हासिल करने पर है।

लेख में यह भी कहा गया है कि भारत चीन की प्रगति से लाभ लेने की फिराक में है ताकि वह अधिक आर्थिक लाभ हासिल कर सके और इसलिए वह विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को नाखुश नहीं करना चाहता। यह जानते हुए कि चीन-जापान संबंध पूर्णता से दूर है भारत सरकार जापान के साथ अपने संबंध बनाने को लेकर सतर्क है ताकि वह चीन के साथ अपने संबंध संभालने के लिए अपने लिए कुछ गुंजाइश छोड़े, बता दें कि बुलेट ट्रेन के करार के लिए चीन ने भी प्रस्ताव भेजा था। लेकिन उससे पहले यह करार जापान के साथ हो गया।  

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