हैदराबाद : जैन समाज में व्रत आराधना करना एक बहुत ही पुण्यदायी काम माना जाता है। व्रत आराधना कर श्रद्धालु जैन धर्म और संतों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। हालांकि श्रद्धालुओं द्वारा इस अवधि में अन्न या जल ग्रहण नहीं किया जाता है। ऐसे में वे कमजोर भी हो जाते हैं। हाल ही में यह बात सामने आई है कि हैदराबाद में 13 वर्षीय किशोरी की व्रत आराधना के दौरान मृत्यु हो गई। दरअसल यह लड़की चौमासा के व्रत रख रही थी।
बीते सप्ताह 68 दिन व्रत रखा गया था। इस लड़की ने व्रत तो रखा लेकिन इसकी हालत खराब हो गई। 68 दिन बाद इसने उपवास खोला और उपवास खोलने के बाद इसे चिकित्सालय ले जाया गया जहां इसे भर्ती करवा दिया गया। इस लड़की को दिल का दौरान पड़ गया और उसकी मौत हो गई। आराधना नामक यह लड़की कक्षा 8 वीं में अध्ययन करती थी। हैदराबाद स्कूल की इस छात्रा की मौत पर समाजजन शोक में डूब गए।
उसकी अंतिम यात्रा में बड़े पैमाने पर समाज के लोग शामिल हुए तो दूसरी ओर इस शव यात्रा को शोभा यात्रा नाम दिया गया। हालांकि इस किशोरी आराधना ने 41 दिन के व्रत सफलता के साथ पूर्ण कर लिए थे। हालांकि जैन समुदाय की सदस्य लता जैन ने कहा है कि ऐसा करने वालों को धार्मिक गुरू व समुदाय वाले सम्मानित किया करते थे। दरअसल सिकंदराबाद के पोट बाज़ार क्षेत्र में उनकी दुकान भी है। कई लोगों ने इस मामले को लेकर सवाल भी किए हैं।
गौरतलब है कि सिकंदराबाद क्षेत्र के मंत्री पद्म राव गौड़ को पाराना कार्यक्रम का प्रमुख अतिथि बनाया गया। पाराना व्रत समाप्त होने के बाद मनाया जाता है। व्रत खोलने के दो ही दिन बाद आराधना की तबियत खराब हो गई और वह बेहोश हो गई। उसे चिकित्सालय ले जाया गया जहां दिल का दौरा पड़ने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हालांकि मुनि महाराज रविंद्र मुनिजी जो कि काचीगुड़ा स्थानक से थे उन्होंने मीडिया से कहा कि जहां तक संथारा की बात है तो वह बुजुर्गों के लिए होता है और उपवास व व्रत जोर जबरदस्ती से नहीं किया जाना चाहिए। बच्ची के साथ घटी घटना एक त्रासदी है इससे सबक लिया जाना चाहिए।