पटना: आज आस्था के महापर्व पर यानी छठ के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। आज के दिन चार दिनों से चल रहे छठ पर्व का समापन हो गया। आप सभी को बता दें कि आज यानी गुरुवार को सुबह ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड उमड़ना शुरू हो गई थी। आप सभी जानते ही होंगे कि छठ पूजा के आखिरी दिन उषा अर्घ्य का दिन भी कहा जाता है और इसी के साथ ही इसे पारण भी कहते हैं।
ऐसा इस वजह से क्योंकि इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रत का पारण कर लिया जाता है। आज छठ पर्व के आखिरी दिन सुबह से ही नदी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। कई तस्वीरें सामने आईं हैं जिनमे व्रती और उनके परिवार के लोग नदी के किनारे बैठकर जमकर गाना-बजाना करते हैं और उगते सूरज का इंतजार करते नजर आए। आज के दिन सूर्य जब उगता है तब उसे अर्घ्य अर्पित किया जाता है। वहीं इसके बाद व्रती एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। आज आशीर्वाद लेने के बाद व्रत रखने वालों ने अपने घर आकर अदरक और पानी से अपना 36 घंटे का कठोर व्रत को खोला।
आपको बता दें कि आज व्रत खोलने के बाद स्वादिष्ट पकवान आदि खाए जाते हैं और इस तरह पावन व्रत का समापन होता है। आपको यह भी जानकारी दे दें कि आज उषा अर्घ्य का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट था। जी दरअसल उषा अर्घ्य यानी आज के दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगलते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि विधि विधान से पूजा करने और अर्घ्य देने से सभी तरह की मनो कामना पूरी होती है।
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