पौष पूर्णिमा पर करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, घर में होगा खुशियों का आगमन
पौष पूर्णिमा पर करें इन चमत्कारी मंत्रों का जाप, घर में होगा खुशियों का आगमन
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पौष पूर्णिमा सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन, सनातन धर्म के अनुयायी देवी शाकंभरी की पूजा करते हैं. देवी शाकंभरी को अन्नपूर्णा देवी भी कहा जाता है, क्योंकि वे समस्त सृष्टि को अन्न प्रदान करती हैं. पौष पूर्णिमा को शाकंभरी जयंती के तौर पर भी जाना जाता है, क्योंकि इसी दिन देवी शाकंभरी का जन्म हुआ था. वही इस बार पौष पूर्णिमा तिथि 24 जनवरी को रात 9.49 बजे शुरू होगी तथा  अगले दिन यानी 25 जनवरी को रात 11.23 बजे समाप्त होगी। इस तरह पूर्णिमा 25 जनवरी, गुरुवार को मनाई जाएगी।

भगवान विष्णु के मंत्र
1. ॐ नमोः नारायणाय।।
2. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।।
3. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।।
4. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्।।
5. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः।।

माता लक्ष्मी मंत्र
1. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।।
2. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।।
3. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पौष माह सूर्य देव को समर्पित माना जाता है। इस माह में सूर्य देव की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस महीने प्रभु श्री विष्णु और माता लक्ष्मी भी बहुत पूजनीय हैं। इस दिन गंगा स्नान तथा दान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन किया गया दान भक्त को कई गुना पुण्य देता है।

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