पटना: इस साल संभावित विधानसभा चुनाव के पहले बिहार कांग्रेस में बड़ी उलटफेर की जा सकती है. कई क्षेत्रों और प्रखंडों में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ प्रदेश कार्यकारिणी में भी कई तरह के बदलाव हो सकते है. लेकिन यह कार्य इस माह के अंत में होना था, कारणवश कोरोना के बढ़ते संक्रमण और प्रदेश में नए सिरे से लॉकडाउन की वजह से मामला अभी लटका हुआ है.
मनमानी और भाई-भतीजावाद की शिकायत: कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस महीने बिहार दौरे पर आए पार्टी के बिहार प्रभारी व राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल के सामने कुछ वरिष्ठ नेताओं ने समूह में कुछ नेताओं की मनमानी और भाई-भतीजावाद को लेकर आवाज उठाई है. उन नेताओं द्वारा 4 कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था पर भी प्रश्न उठाए जा रहे है.
एक गुट करता है प्रदेश नेतृत्व को बदलने की मांग: पार्टी नेताओं का एक गुट ऐसा भी है, जो प्रदेश नेतृत्व को बदलने का अनुरोध कर रहा है. वरिष्ठ नेताओं के समूह में बदलाव के दबाव को देखते हुए गोहिल ने आश्वासन दिया है कि इस माह के अंत तक प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर और अजय कपूर की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक कर ठोस कदम उठाने वाले है.
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