नई दिल्ली: क्या देश भर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार के भीतर मंथन का दौर शुरू हो गया है? दरअसल, यह प्रश्न केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले के बयान के बाद खड़े होने लगे हैं. निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर मौन व्रत पर बैठे अन्ना हजारे से मुलाकात करने के बाद केंद्रीय मंत्री अठावले ने कहा कि CAA कतई मुस्लिम विरोधी नहीं है, किन्तु इससे गलतफहमी पैदा हो गई है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि लोगों की भावनाओं का विचार करते हुए इस में परिवर्तन किए जा सकते हैं. इस पर सरकार ने कुछ सुझाव मांगे हैं. उल्लेखनीय है कि बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार CAA पर एक कदम भी पीछे नहीं हटेगी. हालांकि, रालेगण सिद्धि में बीते 34 दिन से मौन व्रत पर बैठे अन्ना हजारे से मुलाकात करने के बाद रामदास अठावले ने संकेत दिए हैं कि सरकार कानून में बदलाव करने के मूड में है.
इससे पहले लखनऊ में एक रैली संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि, '70 वर्षों से पीड़ित लोगों को प्रधानमंत्री मोदी ने जीवन का नया अध्याय शुरू करने का अवसर दिया है. मैं डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है.'
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