सावधान: देशभर में बिक रही दिल्ली-NCR में बनी नकली दवाइयां, खाने से मरीजों की आँख की रौशनी जा रही !
सावधान: देशभर में बिक रही दिल्ली-NCR में बनी नकली दवाइयां, खाने से मरीजों की आँख की रौशनी जा रही !
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नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में निर्मित कैंसर की नकली दवाएं पूरे देश में धड़ल्ले से बिक रही हैं। इस गंभीर बीमारी के मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ का गोरखधंधा दिल्ली के सरकारी अस्पताल में सेवाएं दे चुके डॉक्टर और इंजीनियर चला रहे थे। दिल्ली पुलिस ने यह खुलासा पटियाला हाउस कोर्ट के सामने इस गैंग का भंडाफोड़ करते हुए विस्तृत जांच रिपोर्ट में किया है। इस मामले में एक सप्लायर की गिरफ्तारी के बाद नकली दवाएं खरीदने वाले 16 कैंसर पीड़ितों के परिजनों का पता चला। पीड़ित परिवारों ने बताया है कि नकली दवा लेने के बाद किसी मरीज की आंख की रोशनी चली गई, तो किसी मरीज के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। इन पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए कई राज्यों में दबिश दी। इस दौरान दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लोनी में कैंसर की नकली दवाओं के गोदाम पाए गए। 

पुलिस को यहां से बड़े पैमाने पर कैंसर की नकली दवाओं का जखीरा मिला। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन से पढ़कर आए डॉक्टर ने बांग्लादेश के साथी डॉक्टर के साथ वर्ष 2018 में ज्यादा पैसे कमाने के लिए कैंसर की नकली दवाएं बनानी शुरू की। इसके बाद धीरे-धीरे परिचित इंजीनियर और अन्य विभागों में कार्यरत लोगों को इस गोरखधंधे में शामिल किया। पुलिस ने इस मामले में अब तक 11 लोगों को अरेस्ट किया है। मामले में कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथमदृष्टया सबूतों के आधार पर कह सकते हैं कि ऐसा घिनौना कृत्य करने वाले लोगों में इंसानियत हो ही नहीं सकती। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के साथ यह केवल धोखाधड़ी ही नहीं, बल्कि मानवता की हत्या का मामला है।

रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के मुरथल में तैयार हो रही नकली दवाइयों में कैल्शियम पाउडर व मक्का का आटा मिलाया जा रहा था। कैप्सूल पर बाहरी प्रिंट इंदौर से कराया जा रहा था। जबकि मुरथल में इन खाली कैप्लूस को भरा  जाता था। यह भी जांच में सामने आया है। पता चला है कि इस काले धंधे में दिल्ली के कई दवाई डीलर भी शामिल हैं। ये डीलर इन लोगों से नकली दवाई खरीद रहे थे और फिर मरीजों को ये नकली दवाइयां बेच रहे थे। इन लोगों ने देश के एक बड़े हिस्से में इस गोरखधंधे को फैला रखा था। 

पुलिस ने अपनी छापेमारी में जो दवाएं बरामद की हैं, उनमे वेटॉक्सन टेबलेट, ऑसिएंट, टेसिग्रो, टेगारिस्क, ओलानिब, पोलबॉक्सिन, ऑसिमॉरट, बिकॉन, ऑइबॉक्सरिन, रिवॉलिड, लेनवेनिक्स, ल्यूसिनसन कैप्सूल, रिवॉल्डे, इनसेप्टा कैप्सूल का नाम शामिल है। 

नकली दवा लेने से मरीज की आँख की रौशनी गई:-

बता दें कि, गणपति नगर, जलगांव जिला महाराष्ट्र के निवासी अमर गुर्जर ने पुलिस को बताया है कि उनकी मां को डेढ़ साल पहले कैंसर हुआ था। आरोपी आकाश वर्मा के जरिए उन्होंने दिल्ली से माँ के इलाज के लिए दो लाख रुपये खर्च कर दवाई मंगवाई। यह टैबलेट कोरियर के जरिए उनके पास आई। यह दवाई खाने के बाद उनकी मां की एक आंख की रोशनी चली गई। इसी प्रकार दिल्ली के किरारी में रहने वाले सुमित कुमार गोयल ने पुलिस को बताया कि उनके पिता को एक साल पहले ब्लड कैंसर हुआ। डॉक्टर ने वेन्टोकैल्कस 200 लेने के लिए कहा। उन्होने इन आरोपियों से यह दवा खरीदी, मगर पिता के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। बाद में उन्होंने दूसरी जगह से दवा ली। 

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