कहते हैं डिसीजन मेकिंग पावर अनुभव के साथ आती है परंतु वर्तमान में यह कहना गलत होगा क्योंकि कार्पोरेट वर्ल्ड में अलग-अलग स्तरों पर युवाओं से लेकर प्रौढ़ महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं.
कई कंपनियों में डी-सेंट्रलाइज्ड वर्क कल्चर होता है जिसमें कर्मचारी अपने स्तर पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रहते हैं. निर्णय लेने के लिए परिस्थितियों का अध्ययन और निर्धारित समय के भीतर निर्णय लेने की कला को विकसित करना है.
परिस्थितियों को समझें और अपना निर्णय ले. दोस्तों निर्णय लेने के पूर्व आप किन परिस्थितियों में निर्णय ले रहे हैं वह काफी महत्वपूर्ण होती है. कार्पोरेट वर्ल्ड में भी आपको कंपनी व सभी की भलाई को लेकर निर्णय लेना होता है. आप केवल स्वयं की स्वार्थ सिद्धी के लिए अपने अनुसार निर्णय नहीं ले सकते.