अपने घोटालों और अपराधों कि वजह से हमेशा चर्चा में रहने वाले बिहार के बारे में आप ये पढ़कर चौंक जायेंगे कि बिहार में जितनी बजट राशी निर्धारित कि गई थी उससे भी कम में काम करके काफी राशी कि बचत कि गई हैं.
अभी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने बिहार के वित्तीय वर्ष 2014-15 की समाप्ति पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार सरकार वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान निर्धारित बजट की रकम खर्च नहीं कर पाई है.
गौरतलब हो कि 2014-15 के कुल बजट 140022 करोड़ में सरकार ने 43925 करोड़ रुपये की बचत की है. कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने बजट खर्च से ज्यादा का बना लिया था. जिसमें से 27334 करोड़ सरकार ने सरेंडर किया है. सरकार ने 22740 करोड़ 31 मार्च 2015 वित्तीय वर्ष की आखिरी तारीख को वापस किए थे.
रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न योजनाओं के तहत बड़ी बचत से राज्य का विकास कार्य प्रभावित हो सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले पांच सालों में करीब 10 विभागों में नियमित रूप से बचत देखी गई है.