ब्रेन डैड युवक ने बचाई तीन ज़िंदगी, कई अंग किए दान
ब्रेन डैड युवक ने बचाई तीन ज़िंदगी, कई अंग किए दान
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जयपुर: यह खबर राजस्थान के सबसे बड़े चिकित्सालय की है. सवाई मानसिंह अस्पताल में सरकारी क्षेत्र के अस्पतालों का दूसरा हार्ट ट्रांसप्लांट सफलता पूर्वक किया गया. पहले हार्ट ट्रांसप्लांट मरीज को तीन दिन पहले ही अस्पताल से छुट्टी दी गई है. वही एसएमएस हॉस्पिटल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. अनिल शर्मा द्वारा दूसरे हार्ट ट्रांसप्लांट को बीते मंगलवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक अंजाम दिया गया है. यहाँ श्रीगंगानगर के सार्दुलशहर निवासी 18 वर्षीय किशोर के ब्रेनडेड होने पर उनके परिजनों को अंग प्रत्यारोपण के लिए तैयार किया गया है. परिजनों के तैयार होने पर अस्पताल में पहले से ही भर्ती रेसिपिएंट को करीब 11 घंटे चले सफल ऑपरेशन में ह्रदय प्रत्यारोपण किया गया.

इसके अतिरिक्त ब्रेन डैड युवक की दोनों किडनी का भी सवाई मानसिंह अस्पताल में ही पहले से भर्ती 2 मरीजों को प्रत्यारोपण किया गया है.  इस लड़के द्वारा दान किए गए अंगों से तीन लोगों को नई जिंदगी मिली गई है. वही एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डीएस मीना और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर भंडारी ने दानदाता युवक के परिजनों को बहुत आभार प्रकट किया है. इससे पहले 16 जनवरी को एसएमएस अस्पताल ने न सिर्फ प्रदेश न सिर्फ पूरे उत्तर भारत के किसी भी सरकारी अस्पताल में सबसे पहले हार्ट ट्रांसप्लांट का कीर्तिमान इतिहास रचा था.16 जनवरी गुरुवार सुबह 3.40 बजे हार्ट ट्रांसप्लांट शुरू हुआ था. वही यह ऑपरेशन सुबह 8:50 तक चला था. एसएमएस के हार्ट ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट डॉ. अनिल शर्मा सहित नौ डॉक्टर्स व 17 जनों की टीम ने करीबन 5 घंटे में ये सफलता हासिल की थी. वही सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि हार्ट ट्रांसप्लांट में किसी भी बाहरी डॉक्टर की सहायता नहीं ली गई थी.

यदि पूरी घटना की बात करे तो 10 जनवरी को राजसमंद का 25 साल का सावरमल सड़क दुर्घटना में घायल हो चुका था. उसे हादसे के बाद एसएमएस लाया गया जहां 14 जनवरी को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. इसके बाद परिजनों ने अंगदान की अनुमति दी. युवक के सभी अंग सही तरीके से काम कर रहे थे इसलिए हार्ट, लीवर और किडनी देना तय किया गया. वही कार्डियो थोरेसिक विभाग की टीम 14 जनवरी की रात से ही काम पर लग गई और रेसिपिएंट को अस्पताल बुलाया गया. 15 जनवरी की रात को पूरी तैयारी की वही 16 जनवरी की सुबह ट्रांसप्लांट कर दिया गया.

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