जाटों के बाद अब ब्राह्मणों ने की आरक्षण की मांग,सियासत हुई तेज़ !
जाटों के बाद अब ब्राह्मणों ने की आरक्षण की मांग,सियासत हुई तेज़ !
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चेन्नई : तमिलनाडु में ब्राह्मण समुदाय के एक तबके ने सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग उठाई है. आप को बता दें कि अगले महीने यानि मई में तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में इस मांग से सियासी गलियारों में हलचल मचने कि पूरी सम्भावना मानी जा रही है.

विधायक एस वी शेखर का कहना है कि 'तमिलनाडु में ब्राह्मण के घर पैदा होना एक श्राप है. राज्य में केवल 4 प्रतिशत ब्राह्मण हैं जिसकी वजह से उन्हें नजरअंदाज किया जाता है. उनमें से बहुत कम लोगों को ही अच्छी शिक्षा मिल पाती है और वह अच्छे से जीवन यापन कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समुदाय के लोग इसी तरह परेशान रहेंगे जब तक एक व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को आरक्षण के लिए जरूरी मापदंड नहीं मान जाएगा.

अंथनार मुनेत्र कषगम (AMK) ने चेन्नई में किए एक सम्मेलन में ब्राह्मणों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में 3 प्रतिशत आरक्षण की मांग की थी. AMK के अध्यक्ष एस जयप्रकाश अय्यर ने कहा है कि तमिल फिल्मों में ब्राह्मणों के साथ होने वाले उत्पीड़न और मजाक उड़ाए जाने के चलते ब्राह्मण को सुरक्षा दी जानी चाहिए. AMK ने अपनी मांगों में ब्राह्मणवादी परंपराओं और संस्कृति की रक्षा करने में सरकार के हस्तक्षेप की भी मांग की है. 

पुजारियों को मिले वेतन

AMK पार्टी ने सभी पुजारियों के लिए 1000 रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन और मंदिरों में काम कर रहे कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखने के लिए एक मंदिर कल्याण बोर्ड के बनाने की भी मांग की है.

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