एक किताब का दावा ईसा मसीह जन्म से तमिल हिन्दू थे
एक किताब का दावा ईसा मसीह जन्म से तमिल हिन्दू थे
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मुंबई : भारत जैसे विविधता वाले देश में धर्म को लेकर विवाद छिड़ा ही रहता है। हिंदुत्व विचारक गणेश दामोदर सावरकर के भाई द्वारा लिखी गई किताब में दावा किया गया है कि ईसा मसीह एक तमिल हिंदू थे। यह किताब 70 सालों के बाद एक बार फिर से पब्लिश की जा रही है। सावरकर नेशनल मेमोरियल के प्रेसीडेंट रंजीत सावरकर ने बताया कि यह किताब वीर सावरकर के भाई गणेश ने लिखी थी।

पहली बार यह 1946 में सामने आई थी। सावरकर की पुण्यतिथि 26 फरवरी को है, उसी दिन इसे फिर से मराठी में पब्लिश किया जा रहा है। बुक क्राइस्ट परिचय के दावों के अनुसार, ईसाई धर्म पहले हिंदू पंथ था। ईसा मसीह जन्म से एक विश्वकर्मा ब्राह्मण थे। उनका असली नाम केशव कृष्ण था।

एस्सेन संप्रदाय के लोगों ने सूली पर चढ़ाए गए ईसा मसीह को बचाया था। हिमालय की चमत्कारी जड़ी बूटियों से उन्हें पुनर्जीवित किया। इसके बाद मसीह ने कश्मीर में समाधि ली और उनकी मौत हुई। ब्राहम्ण परंपरा के मुताबिक 12 वर्ष की उम्र में उनका उपनयन संस्कार किया गया था। तत्काल में फिलिस्तीन और अरब इलाके तब हिंदु भूमि हुआ करते थे, तमिल का बदला हुआ रुप ही अरबी है।

कश्मीर में ईशु ने तीन साल तक भगवान शिव की अराधना की। फादर वार्नर डिसूजा ने कहा कि ऐसी किताबें सच्चे ईसाइयों के विश्वास को नहीं हिला सकती हैं। हम एक धार्मिक देश में रहते हैं और हमें विश्वास है कि ईश्वर सबके दिलों में रहते है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक के 5 फाउंडरों में से एक नाम गणेश दामोदर उर्फ बाबाराव सावरकर का भी है। विनायक दामोदर बाबाराव सावरकर के भाई थे।

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