'मैं राम-कृष्ण को नहीं मानूंगा..', शपथ पर बौद्ध संगठन बोले- इन पर कार्रवाई हो, ये बुद्ध की शिक्षा नहीं
'मैं राम-कृष्ण को नहीं मानूंगा..', शपथ पर बौद्ध संगठन बोले- इन पर कार्रवाई हो, ये बुद्ध की शिक्षा नहीं
Share:

नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam) की हिन्दू घृणा के खिलाफ बौद्ध संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। बौद्ध संगठनों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को पत्र लिखते हुए उस कार्यक्रम की भी कड़ी निंदा की है, जिसमें ‘हिंदू विरोधी शपथ’ ग्रहण की गई थी। इसके साथ ही संगठनों ने उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है, जो इस तरह की गतिविधियों के जरिए देश को बाँटने की कोशिश कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि, इसी साल दशहरे के दिन (5 अक्टूबर 2022) दिल्ली के अंबेडकर भवन में हुए हिन्दू विरोधी कार्यक्रम का वीडियो सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता राजेंद्र पाल गौतम को मंत्री पद त्यागना पड़ा था। इस कार्यक्रम में 10 हजार हिंदुओं का धर्म परिवर्तन किया गया था। वीडियो में गौतम सहित कई लोग हिंदू विरोधी शपथ लेते दिख रहे थे। उस शपथ में कहा गया था कि, 'मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, श्रीराम और श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूँगा, न ही कभी उनकी पूजा करूँगा। मुझे राम और कृष्ण में कोई यकीन नहीं होगा, जिन्हें भगवान का अवतार माना जाता है।' इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भी गौतम को पूछताछ के लिए तलब किया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब खुद बौद्ध संगठनों ने इस कार्यक्रम पर सवाल खड़े करते हुए कानूनी कार्यवाही की माँग की है। इन संगठनों का कहना है कि राजेंद्र गौतम की उपस्थिति में जो कुछ भी हुआ, उसका बौद्ध धर्म से कोई लेना देना नहीं है। न ही इसका भगवान बुद्ध के उपदेशों से कोई वास्ता है। इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को को लिखे गए पत्र में 19 लोगों के दस्तखत हैं। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में धर्म संस्कृति संगम के राष्ट्रीय महासचिव राजेश लांबा, सचिव डॉक्टर विशाखा सैलानी, महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव भंते वेन पी सिवाली थेरो, संयुक्त सचिव भंते सुमिहानंद थेरो, इंटरनेशनल बौद्ध रिसर्च के शांति मित्र का नाम भी शामिल हैं। पत्र में इस बात पर भी हैरानी जताई गई है कि इस प्रकार के देश विरोधी कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मंत्री ने भी हिस्सा लिया।

पत्र में कहा है कि गौतम की मौजूदगी में हुए धर्मांतरण कार्यक्रम में जो कुछ भी हुआ, वह बाबा साहब अंबेडकर और भारतीय संविधान के भी विरुद्ध है। पत्र में बौद्ध संगठनों ने कहा है कि, 'बौद्ध धर्म अन्य धर्मों के खिलाफ जहर उगलने नहीं सिखाता। बौद्ध धर्म अन्य देवी-देवताओं को ‘अस्वीकार’ करने या उनका तिरस्कार करने का भी समर्थन नहीं करता। भगवान बुद्ध की शिक्षाएँ सदियों से ‘स्वयं प्रबुद्ध’ की भावना और तमाम धर्मों के प्रति सम्मान का प्रतीक हैं। बौद्ध और हिंदू शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के साथ रहते आए हैं और इनके बीच एक समृद्ध अंतरधार्मिक संवाद रहा है।'

पत्र में यह भी कहा गया है कि, “दिल्ली सरकार के मंत्री के वहाँ जाने की किसी ने निंदा नहीं की। हमें उम्मीद है कि शीघ्र-अतिशीघ्र ऐसा किया जाएगा। हम संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि देश को बाँटने की कोशिश करने के लिए उनके (गौतम) साथ-साथ वहाँ मौजूद अन्य लोगों के खिलाफ भी तत्काल कार्रवाई की जाए।'

मुख़्तार अंसारी के फरार बेटे को महीनों से खोज रही यूपी पुलिस, नहीं मिल रहे विधायक अब्बास

जाते-जाते जमकर बरसेगा मानसून, इन राज्यों में अगले 5 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट

Zoom को इंडियन आर्मी ने दी अंतिम बिदाई, कई अफसरों के साथ आर्मी डॉग्स भी रहे मौजूद

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -