लखनऊ: लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) यूपी में होने वाले उपचुनाव में पूरी ताकत से उतरने जा रही है. संगठन और सरकार ने 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी है. भाजपा ने उन सीटों पर जीत दर्ज करने की रणनीति बनाई है, जिन्हें वह पहले नहीं जीत पाई थी.
विशेष तौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) के पास रही रामपुर विधानसभा सीट और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कब्जे में रही जलालपुर सीट पर ख़ास ध्यान देने की बात कही जा रही है. भाजपा का उपचुनाव का अनुभव अभी तक अधिक अच्छा नहीं रहा है. इसीलिए वह इस दफा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती जिस वजह से सभी सीटों पर मंत्रियों के साथ पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है. भाजपा नेतृत्व उम्मीदवारों के चयन में भी काफी सावधानी बरतेगा.
भाजपा उम्मीदवारों के चयन में परिवारवाद को पूरी तरह से दरकिनार कर जिताऊ और पुराने कार्यकर्ता पर दांव खेलेगी. भाजपा को उम्मीद है कि निर्वाचन आयोग नवंबर महीने में ये चुनाव करा सकता है. उपचुनावों को लेकर मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय हर हफ्ते लखनऊ आकर सीएम और पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
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