वाशिंगटन: माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर बिल गेट्स ने भारत की “आधार” टेक्नोलॉजी की तारीफ के पूल बांधे है और कहा है कि इसे दूसरे देशों को भी अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की प्राइवेसी लीक होने का खतरा नहीं है. इसके लिए बिल और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने दूसरे देशों में इसे ले जाने के लिए वर्ल्ड बैंक को फंड भी दिया है. गेट्स का कहना है कि आधार टेक्नोलॉजी में प्राइवेसी को लेकर कोई समस्या नहीं है.
साथ ही बिल गेट्स ने कहा कि इन्फोसिस के संस्थापक नंदन निलेकणि इस परियोजना पर विश्वबैंक को परामर्श और मदद कर रहे हैं. निलेकणि को आधार का ढांचा तैयार करने के लिये जाना जाता है. आधार दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आईडी प्रणाली है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘देशों को इसे अपनाना चाहिए क्योंकि राजकाज की गुणवत्ता काफी महत्वपूर्ण है.
इससे पहले भी गेट्स ने नवंबर 2016 में नीति आयोग द्वारा आयोजित टेक्नोलॉजी फॉर ट्रांसफॉरमेशन लेक्चर में भी आधार टेक्नोलॉजी की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि आधार एक ऐसी चीज है, जो भारत से पहले किसी भी सरकार ने नहीं की, यहां तक कि किसी अमीर देश ने भी नहीं. गेट्स फाउंडेशन के प्रमुख ने कहा, ‘‘आधार से गोपनीयता को लेकर कोई समस्या नहीं है क्योंकि यह केवल बायोमेट्रिक पहचान सत्यापन योजना है.’’ आधार 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या है.
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