भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में हुए छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में मध्यप्रदेश प्रशासन ने गलत मेडिकल रिपोर्ट देने पर महिला चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है. आपको बता दे कि प्रशासन ने दोनों महिला चिकित्सको को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. गलत रिपोर्ट देने का मामला मीडिया में आने पर चिकित्सको के खिलाफ आवाज़ तेज़ हो गयी. जसके बाद अस्पताल प्रशासन ने इसे 'अनजाने' में हुई गलती बताया. और मामले को शांत करने की कोशिश की .
गौरतलब है कि रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़िता की 'सहमति और इच्छा से' शारीरिक संबंध बनाए गए हैं. सुल्तानिया लेडी अस्पताल की डॉक्टरों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में एक स्थान पर 19 वर्षीय युवती को 'पीड़िता' की बजाय 'अभियुक्त' उल्लेखित कर दिया गया. जिसके बाद भोपाल मंडलीय आयुक्त ने दोनों डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए. बता दे कि भोपाल में रेल पटरियों के निकट 31 अक्तूबर की रात को चार लोगों ने लगभग तीन घंटे तक युवती के साथ कथित रूप से बलात्कार किया था. युवती कोचिंग क्लास से लौटते समय ये हादसा हुआ.
वही मामले को लेकर भोपाल रेलवे डिविजन, पुलिस अधीक्षक रूचि वर्धन मिश्रा ने कहा, "डॉक्टरों ने अपनी परीक्षण रिपोर्ट में लिखा कि 'पीड़ित की सहमति और इच्छा' से शारीरिक संबंध बनाये गए. रिपोर्ट में एक स्थान पर 'पीड़िता' को 'अभियुक्त' उल्लेखित किया गया है." साथ ही उन्होंने कहा, "जब हमने स्पष्टीकरण मांगा तो संबंधित डाक्टरों ने (लिखित) स्पष्टीकरण दिया कि शब्द 'विद' 'विदआउट' के बजाय गलती से लिखा गया. वास्तव में डॉक्टर यह कहना चाहते थे कि शारीरिक संबंध ‘पीड़िता की सहमति और इच्छा के बिना बनाए गए थे. और एक स्थान पर पीड़िता को अभियुक्त बताये जाने संबंधी एक अन्य त्रुटि पर भी डाक्टरों ने स्पष्टीकरण दिया है."
फ्लाइट में एयर होस्टेस से छेड़छाड़
पिता ने रची अपने बेटे के किडनैप की कहानी
7 साल की बच्ची से टीचर ने किया दुष्कर्म