4 नवंबर से शुरू हो रहे पंचक, भूल से भी ना करें ये काम
4 नवंबर से शुरू हो रहे पंचक, भूल से भी ना करें ये काम
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हिंदू धर्म में हर शुभ काम अच्छा मुहूर्त देखकर किया जाता है। जी हाँ क्योंकि शुभ मुहूर्त देखकर कार्य करने से उस काम की शुभता बनी रहती है और इसी के साथ ही ज्योतिष के अनुसार भी अशुभ समय में किए गए काम मनचाहा परिणाम नहीं देते हैं। जी हाँ और इसी को लेकर ज्योतिष में कुछ ऐसे नक्षत्रों का भी वर्णन देखने को मिलता है, जिनमें कुछ विशेष कार्यों का करना निषेध बताया गया है। ऐसा ही कुछ पंचक के दौरान होता है। इस बार भीष्म पंचक 4 नवंबर, शुक्रवार 2022 से 8 नवंबर, मंगलवार तक होगा। वहीं ज्योतिष शास्त्र में पंचक को अशुभ माना जाता है। कहा जाता है इस दौरान कुछ खास काम करने की मनाही होती है। आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।

पांच नक्षत्रों का समूह है पंचक- पहले तो हम आपको बता दें कि चंद्रमा गोचर में जब कुंभ और मीन राशि में स्थित होता है तो यह समय पंचक का माना जाता है। जी दरअसल पंचक की समय अवधि पांच दिन की होती है, इस वजह से इसे पंचक कहा जाता है। पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। हालाँकि आज हम आपको बताएंगे पंचकों में कौन- कौन से काम करना वर्जित होते हैं।

पंचक में निषेध हैं ये काम-
* पंचक के दौरान चारपाई बनवाना शुभ नहीं माना जाता। जी हाँ और विद्वानों के अनुसार ऐसा करने से आपके ऊपर कोई संकट आ सकता है।
*  पंचक के दौरान घास, लकड़ी, आदि जलने वाली वस्तुएं एकत्र नहीं करनी चाहिए। वरना आग लगने का भय रहता है।
*  दक्षिण दिशा में पंचकों के दौरान यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह दिशा यम और पितरों की मानी गई है। इस वजह से इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।
* पंचक के दौरान घर की छत नहीं बनवानी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से घर में क्लेश और धन की हानि हो सकती है।
* ध्यान रहे शैय्या का निर्माण पंचकों के दौरान नहीं करना चाहिए।

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पंचक काल में मृत्यु होने पर- पंचक काल में मृत्यु होना अशुभ माना जाता है। जी दरअसल ऐसी मान्यता है कि अगर किसी की मृत्यु पंचक काल में हुई है तो उसके परिवार, कुल या रिश्तेदारी में जन हानि हो सकती है। जी हाँ और इससे बचने के लिए मृतक के शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश के बनाकर रखने चाहिए। ऐसा करने से पंचक दोष समाप्त हो जाता है।

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