शुभता का प्रतीक माने जाने वाली मेंहदी को सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने ही नहीं बल्कि चिकित्सीय गुणों से भी भरपूर है। आइए जानें इसके गुणों के बारे में।
• मेंहदी के फूल अत्यंत महकदार होते हैं और फल मटर के समान गोल होते हैं। मेंहदी की पत्तियों में टैनिन, वासोन, मैलिक एसिड, ग्लूकोज, मैनिटोल, वसराल और म्यूसिलेज आदि तत्व पाएं जाते हैं। इसकी पत्तियों को रंजक द्रव्य के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसका स्वाद बेहद कसैला होता है।
• मेंहदी का प्रयोग बालों को सुंदर बनाने व सफेद होने से बचाने के लिए किया जाता है। इसके इस्तेमाल से बालों को नैचुरल रंग मिलता है साथ ही उनमें चमक आती है।
• मेंहदी के पत्तों में पाएं जाने वाले तत्व खाद्य पदार्थों में शामिल कीटाणु को नष्ट कर देते हैं इसलिए हाथों में मेंहदी लगे होने से दूषित भोज्य पदार्थ शरीर पर अपना कुप्रभाव नहीं डाल पाते हैं।
• मेंहदी की तासीर ठंडी होती है जिससे मस्तिष्क को शांति मिलती है और अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है। उच्च रक्तचाप के रोगियों के तलवों व हथेलियों पर मेंहदी का लेप लगाना लाभप्रद होता है।
• रात को साफ पानी में मेंहदी भिगो दें और सुबह उसे छानकर पी लें। ऐसा करने से खून साफ होगा और शरीर की गर्मी भी दूर होगी।
• मेंहदी में माइग्रेन के दर्द को ठीक करने की क्षमता भी पाई जाती है।
• मेंहदी पेट की बीमारी में भी लाभदायक है। इसमें टीबी को दूर भगाने के गुण भी मौजूद होते हैं।
• मेंहदी के बीजों का उपयोग बुखार एवं मानसिक रोग में किया जाता है।
• मेंहदी की छाल का प्रयोग पीलिया, पथरी, जलन, कुष्ठ और चर्म रोगों में किया जाता है।
• मुंह के छालों तथा गले की सूजन में मेंहदी के पत्तों के काढ़े से कुल्ला करने से लाभ होता है। मेंहदी के पत्तों के रस के साथ मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेशाब साफ होता है।
• जली हुई या छाले पड़ी हुई जगह पर मेंहदी का चूर्ण शहद में मिलाकर लगा देने से तत्काल राहत मिलती है।
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