छिंदवाड़ा: सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक इन दिनों किसानों की बेहतरी के कार्य करने के बजाय कार्यशैली को लेकर ज्यादा सुर्खियों में है. बैंक के चेयरमेन तीन साल में वो 250 नई नीति ला चुके हैं, और 25 हजार से ज्यादा किसान अपने खाते बैंक में बंद करवा चुके हैं. बैंक का मुख्यालय छिंदवाड़ा में है. प्रदेश भर में 1500 कर्मचारी पदस्थ हैं, लेकिन इन कर्मचारियों के 12 हजार तबादले हो चुके हैं. कर्मचारियों में नाराजगी है, वो मानसिक रूप से प्रातड़ित हैं.
इसे लेकर सेंट्रल मध्य प्रदेश मध्य ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के शरद पटेल ने कहा कि उनका संगठन इसे लेकर आंदोलन करेगा. ऑडिट की स्थिति ये है कि डेढ़ साल तक ऑडिट नहीं होते हैं. इस बीच कर्मचारी का तबादला हो जाता है, तो नए कर्मचारी को हिसाब ही नहीं मिलता। बैंक में जब कोई उपभोक्ता जाता है तो उसे सही एंट्री ही नहीं मिलती.
एक महिला का पांच से सात बार ट्रांसफर कर दिया गया. एक महिला कर्मचारी की शादी भोपाल में हो गई, इस आधार पर उसने तबादला मांगा, लेकिन उसकी जगह भोपाल में दूसरे कर्मचारी को पोस्टिंग दे दी गई. यही नहीं तीन सालों से नई भर्ती भी नहीं हुई है. इस पर शरद पटेल, जो की सेंट्रल मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन से है ने कहा कर्मचारियों को ट्रांसफर के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है, हम इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे.
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