नई दिल्ली। बलूच नेताओं को जल्द ही भारत में शरण मिल सकती है। इसके लिये बलूच नेताओं से आवेदन करने के लिये कहा गया है। भारत में राजनीतिक शरण लेने के लिये फिलहाल ब्रह्मदाग बुगती को आवेदन करने के लिये अनुमति मिल गई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से भाषण देते हुये पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान का मुद्दा उठाया था। इसके बाद से ही न केवल पाकिस्तान के खिलाफ बलूच नेताओं और वहां के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है वहीं बलूच नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद भी दिया। संयुक्त राष्ट्र में भी भारत बलूचिस्तान का मामला उठा चुका है।
आवेदन के लिये अधिकृत किया
जानकारी के मुताबिक जिनेवा में बलूचिस्तान रिपब्लिकन पार्टी की बैठक हुई थी। इसमें बुगती को भारत मे राजनीतिक शरण लेने के लिये अधिकृत कर दिया गया है। बलूच नेता इसके पूर्व भारत सरकार से शरण लेने के लिये कह चुके है।
इसलिये मांग रहे शरण
बलूच नेता बुगती के साथ ही अन्य बलूच नेता भी भारत में शरण लेने के लिये प्रयास कर रहे है। बलूच नेताओं का कहना है कि वे भारत में रहकर पाकिस्तान के खिलाफ विश्व भर में प्रचार कर सकेंगे। जिस तरह से दलाई लामा भारत की शरण में रहकर चीन के खिलाफ प्रचार कर रहे है, उसी तरह बलूच नेता भी भारत में रहकर पाकिस्तान के विरूद्ध प्रचार करना चाहते है।
बताया गया है कि भारत सरकार की ओर से भी बलूच नेताओं को शरण देने के मामले में विचार किया जा रहा है। यदि ऐसा होता है कि यह भारत की विदेश नीति में महत्वपूर्ण कदम होगा।