आप सभी को बता दें कि हिंदू धर्म में पूजा पाठ और व्रत उपवास का विशेष महत्व होता हैं और पंचांग का नवां माह अगहन शुरू हो चुका है. ऐसे में यह महीना गुरुवार 12 दिसंबर तक चलने वाला है और इसे मार्गशीर्ष महीना भी कहते हैं. आप सभी को बता दें कि ज्योतिष की माने तो यह महीना श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना जाता हैं. इसी के साथ स्कंदपुराण में यह बताया गया हैं कि, ''भगवान कृष्ण की कृपा पाने के लिए भक्तों को अगहन मास में व्रत उपवास और विशेष पूजन करना चाहिए.'' जी दरअसल ऐसा कहा जाता है कि इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का ही स्वरूप मानते हैं और अगहन महीने में भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप यानी की बाल गोपाल की विशेष पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है. आइए जानते हैं बाल गोपाल की पूजा विधि.
पूजा विधि - आप सभी को बता दें कि बाल गोपाल की पूजा में भोग के साथ तुलसी भी चढ़ाते हैं और घी का दीपक जलाकर मंत्रों का जाप अवश्य करते हैं. वहीं इस दौरान बाल गोपाल की मूर्ति के स्नान के लिए बड़ा बर्तन, तांबे का लोटा, कलश, दूध, वस्त्र, आभूषण, चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, रुई, धूपबत्ती, पुष्प, अष्टगंध, तुलसी, तिल, जनेऊ, फल, मिठाई, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, माखन मिश्री, पान, दक्षिणा लें और इस महीने में रोज सुबह जल्दी उठकर घर के मंदिर में पूजा की व्यवस्था करें.
इसी के साथ इस महीने में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और गणेश जी को स्नान कराएं. इसके बाद वस्त्र अर्पित करें फिर पुष्प चढ़ाएं. अब इसके बाद धूप दीप जलाएं और चावल चढ़ाएं. इसके बाद श्री कृष्ण जी को स्नान कराएं और स्नान से पहले शुद्ध जल से फिर पंचामृत से और फिर शुद्ध जल से कराएं. अब इसके बाद वस्त्र अर्पित करें और वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं. ध्यान रहे हार फूल, फल मिठाई आदि पूजन सामग्री चढ़ाए और तिलक करें धूप दीप जलाएं. इसके बाद तुलसी के पत्ते डालकर माखन मिश्री का भोग लगाएं.
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