अरिब था ISIS का पहला इंडियन सुसाइड बॉम्बर
अरिब था ISIS का पहला इंडियन सुसाइड बॉम्बर
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नई दिल्ली : आईएसआईएस से लौटे आतंकी अरिब मजीद ने इस्लामिक स्टेट के बारे में कई अहम खुलासे किए है। एक नई रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अरिब ही भारत से पहला सुसाइड बॉम्बर था। इसके लिए अरिब को आईएस के स्कूल में फिदायीन हमले की ट्रेनिंग भी दी गई थी। अरिब को पिछले साल तुर्की के रास्ते भारत लाया गया था। फिलहाल उसे भारत की खुपिया एजेंसियों की निगरानी में रखा गया है।

अरिब ने आईएसआईएस की कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ खुफिया एजेंसियों को दी। जिसमें उसने बताया कि आईएसआईएस युवाओं को सुंदर स्त्रियों से शादी कराने के लुभावने वादे करता है। जिससे युवक इसके चंगुल में फँस जाता है। इसके लिए आईएस की अलग टीम है, जो पूरी स्ट्रेटजिक प्लानिंग करता है।

इस पर इंटेलिजेंस का कहना है कि युवाओं को फँसाने की इनकी प्लानिंग काफी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा होता है और इसे अंजाम महिला रिक्रूटर देती है। अरिफ के फिदायीन हमले की ट्रेनिंग और प्लानिंग सब पहले से की हुई थी। अरिब ने बताया कि मुझसे मेरे फेसबुक अकाउंट का पासवर्ड भी लिया गया ताकि उसके जरिए अन्य युवाओं को भी फँसाया जा सके। जिस महिला रिक्रूटर ने उसकी भर्ती की थी, उसने फेसबुक पर यह पोस्ट किया कि अरिफ मजीद की उससे शादी हो गई है। पर अरिफ के मुताबिक वह आज तक उस महिला से मिला नही था।

बता दें कि अरिब महाराष्ट्र के पनवेल का रहने वाला है। उसका पूरा नाम अरिब फैयाज मजिद है। 2104 में उसने सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। मई 2014 में वो आईएस मे भर्ती हो गया और वहाँ बंकर बनाने का काम करने लगा। अरिब ने बताया कि उसकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को देखते हुए उसके लिए काम तय किया गया था।

अरिब ने तीन बार फिदायीन हमले की कोशिश भी की, जो कि असफल रहा। सबसे पहले उसने इराक के मोसुल शहर में कुर्द सेना पर एक आत्मघाती हमला करने की कोशिश की। हमले के एक दिन पहले हुए हवाई हमले ने उसके हमले को विफल कर दिया था, जिसमें विस्फोटकों से लदी गाड़ी नष्ट हो गई।

दूसरी बार, कुछ दिनों बाद सितंबर 2014 में उसने फिर से आत्मघाती हमला राबिया में कुर्द सेना की पोस्ट पर करने की कोशिश की। जब वो अपने निशाने की तरफ बढ़ रहा था, तो कुर्द सेना के लड़ाकों ने उसकी गाड़ी पर हमला किया, जिससे उसकी गाड़ी खराब हो गई। उसने बताया कि उसके बाद वह आगे नहीं बढ़ सका। इस दौरान आरिब को गोली भी लगी। लेकिन आईएसआईएस के लड़ाकों ने उसे बचा लिया।

तीसरी बार, उसने इराक के तलाल हुवा में हमला किया। अरिब ने बताया कि मैं कुर्द सेना की तरफ बढ़ा, लेकिन विस्फोट से लदी मेरी हमर कार पर 23 केलिबर की एंटी एयरक्राफ्ट गन से लगतार फायरिंग हो रही थी और गोलियां मेरी कार पर भी लगीं।

एक बार फिर अरिब घायल हो गया और अपनी बेकार हो चुकी कार से उतरने के लिए मजबूर हो गया। अरिब ने बताया कि उसने लड़ना जारी रखने का निर्णय किया और तय किया कि वह तब लड़ेगा, जब तक उसका असला खत्म नहीं हो जाएगा। बाद में, वह खुद को उड़ा देगा। लेकिन उसके कमांडर अबू सादिक ने अरिब को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया।

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