ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में आया बग, जानिए क्या है कारण
ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में आया बग, जानिए क्या है कारण
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इस समय स्मार्टफोन के ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग में बग आ गया है. यह बग चिंता का कारण इसलिए है क्योंकि यह एक टेक्स्ट मेसेज से ही हैकर्स को यूजर के स्मार्टफोन का फुल ऐक्सेस दे देता है एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गूगल ऐंड्रॉयड पर काम करने वाले किसी भी डिवाइस को अपना निशाना बना सकता है. इसके साथ ही इस बग के कारण यूजर की पूरी वेब हिस्ट्री को भी ऐक्सेस किया जा सकता है. हैकर्स इस बग के जरिए यूजर्स के इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल की भी पूरी जनकारी ले लेते हैं. इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि इससे चुराई गई जानकारियों से वे यूजर्स को और नुकसान पहुंचा सकते हैं. साइबर एक्सपर्ट्स ने कहा है कि हर महीने करीब 250 करोड़ करोड़ लोग ऐंड्रॉयड फोन यूज करते हैं और यह बग इन सभी यूजर्स के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है. चेकपॉइंट के एक्सपर्ट स्लैवा मैक्कावीव ने इस बग का पता लगाया और कहा कि जिस हिसाब से दुनियाभर में ऐंड्रॉयड डिवाइसेज की पॉप्युलैरिटी है उसके लिहाज से इस खतरे को जल्द से जल्द फिक्स किया जाना जरूरी है.

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दुनिया की बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों के डिवाइस भी इस बग का शिकार हो सकते हैं. इनमें सोनी, सैमसंग, हुवावे और एलजी जैसे ब्रैंड भी शामिल हैं. हैकर्स इन डिवाइसेज को हैक करने के लिए एक ऐसे सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं जो उन्हें टेक्स्ट मेसेज भेजने की सहूलियत देता है। इनके द्वारा भेजे गए मेसेज की पहचान करना मुश्किल होता है क्योंकि यह बिल्कुल फोन नेटवर्क कंपनी द्वारा भेजा गया मेसेज लगता है.स्मार्टफोन्स Open Mobile Alliance Client Provisioning का इस्तेमाल करते हैं. यह सिस्टम यूजर के फोन नेटवर्क के जरिए कहीं से भी फोन की सेटिंग के अपडेट कर देता है. हैकर्स इसी का फायदा उठाते हैं. वे इस सिस्टम के जरिए एक फर्जी मेसेज भेजकर यूजर को OMA CP अपडेट करने के लिए कहते हैं. आमतौर पर यह ब्लॉक्ड हो जाता है क्योंकि फोन में मौजूद ऐंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम इसे ऑथेंटिकेट नहीं करता.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यहां इस बग की एंट्री होती है. इस बग के कारण अब हैकर्स ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया को बाईपास कर सीधे फोन का ऐक्सेस पा सकते हैं. रिसर्चर्स ने कहा कि इसके लिए हैकर्स को केवल एक टेक्स्ट मेसेज भेजने की जरूरत है. इस मेसेज के जरिए हैकर्स यूजर के डिवाइस में मौजूद सभी ईमेल को भी पढ़ सकते हैं.रिसर्चर्स ने इस बग की जानकारी गूगल के साथ ही सैमसंग, सोनी और हुवावे को दे दी है. हालांकि, अब तक इन कंपनियों की तरफ से इस बग के बारे में कोई ऑफिशल बयान नहीं दिया गया है. एक्सपर्ट्स और रिसर्चर्स का कहना है कि जब तक गूगल की तरफ से इस मामले के बारे में कोई जानकारी ना दी जाए तब तक फोन में आए किसी मोबाइल ऑपरेटर के मेसेज पर ध्यान नही देना चाहिए.

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