नेताओं के आगे नतमस्तक हो चुका है अधिकारियों का बड़ा तबका : अमिताभ
नेताओं के आगे नतमस्तक हो चुका है अधिकारियों का बड़ा तबका : अमिताभ
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लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद निलंबन झेल रहे भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी और उत्तर प्रदेश सरकार में महानिरीक्षक (नागरिक सुरक्षा) अमिताभ ठाकुर का कहना है कि अगर मेरी गिरफ्तारी होती है तो 'मैं इसे अपना सौभाग्य समझूंगा। जेल में रहकर ही वहां भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करूंगा।' अमिताभ ठाकुर ने बातचीत के दौरान कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार से लड़ने का सिलसिला जसराना कांड से शुरू हुआ था, जो आज भी जारी है और यह आगे भी जारी रहेगा। अगर गिरफ्तारी भी हुई तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।" अमिताभ ने यह पूछे जाने पर कि मुलायम सिंह के साथ टकराव की नौबत क्यों आई, कहा, " मुलायम सिंह वाली जो घटना है और जिसे लोग टकराव कह रहे हैं, वह टकराव नहीं है। दरअसल अधिकारियों का एक बड़ा तबका नेताओं के सामने नतमस्तक हो चुका है और अपने कनिष्ठ अधिकारियों को प्रताड़ित करने में जुटा हुआ है।"

निलंबित आईपीएस अधिकारी से जब यह पूछा गया कि न्याय पाने के लिए वह किस हद तक जाएंगे तो उन्होंने कहा, "अपनी औकात भर जितना सम्भव हो सकेगा, वहां तक लडूंगा। न्यायपालिका, आयोग के पास कई ऐसे रास्ते हैं, जहां से मुझे न्याय मिल सकता है।" अमिताभ ने दुष्कर्म जैसे गम्भीर आरोप लगने की बात पर कहा कि उनके ऊपर दो तरह के आरोप लगे हैं। पहला दुष्कर्म का और दूसरा सर्विस रूल के उल्लंघन का। अमिताभ ने कहा, "जिस महिला को आज तक मैंने देखा नहीं, उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की बात करना हास्यास्पद है। जहां तक बात सेवा नियमावली के उल्लंघन का है तो मैं जनहित के मुद्दों को लेकर आरटीआई दायर कर सकता हूं।"

उन्होंने बताया कि वह जब भी आरटीआई दायर करते हैं, उससे पहले सरकार को पत्र लिखकर इसकी अनुमति लेने की कोशिश करते हैं लेकिन जब सरकार की तरफ से पत्र का कोई जवाब नहीं आता है तब फिर इसके बगैर आरटीआई दायर कर देते हैं। आईपीएस अधिकारी ने कहा, "जहां तक न्यायालय की अवमानना का सवाल है तो क्या सरकार इसका उल्लंघन करने वाले उन सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी या सिर्फ मेरे ऊपर ही इसका ट्रायल किया जा रहा है।" केंद्रीय गृह मंत्रालय से उन्हें न्याय मिलने के सवाल पर अमिताभ ने कहा कि मामले की जानकारी उन्होंने गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी है। उनकी तरफ से आश्वासन मिला है और उम्मीद है कि न्याय मिलेगा।

अमिताभ से यह जब पूछा गया कि सरकार के साथ टकराव कब तक जारी रहेगा, तो उन्होंने कहा, "मेरा सरकार के साथ कोई टकराव नहीं है। मेरा व्यक्ति विशेष के साथ टकराव है। सूबे के डीजीपी जगमोहन यादव मंगलवार को मेरे दफ्तर आकर मेरी छुट्टियों की जानकारी एकत्र कर रहे थे। जब डीजीपी जैसा बड़ा अधिकारी किसी अधिकारी के दफ्तर में स्वयं जाकर इस तरह की हरकत करे तो इसे आप क्या कहेंगे।"

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह के साथ टकराव के बारे में पूछे जाने पर अमिताभ ने कहा कि इसकी शुरुआत तो उन्होंने खुद की थी जब वह सूबे के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने मुझे अपने समधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने का निर्देश दिया था, लेकिन मैंने उनके आदेश को दरकिनार कर दिया था। अमिताभ ने कहा, "यह घटना वर्ष 2006 में हुई थी। जसराना की उस घटना ने उन्हें लेकर मेरी सोच को ही बदल दिया। वही घटना मेरे जीवन की टर्निग प्वाइंट थी। उसके बाद तो उन्हें लेकर मेरा नजरिया और जिंदगी दोनों ही बदल गए।"

आईएएनएस

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