वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का रक्षा बजट 740 अरब डॉलर करने का प्रस्ताव रखा है. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने अमेरिका को चीन और रूस से मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर सेना के आधुनिकीकरण के कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए रक्षा बजट में भारी इजाफा किया है. वहीं वर्ष 2021 के रक्षा बजट में परमाणु आधुनिकीकरण के लिए 28.9 अरब डॉलर खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया गया है. वहीं उन्होंने अंतरिक्ष के लिए 18 अरब डॉलर, साइबर के लिए दस अरब डॉलर और हवाई क्षेत्र के लिए 57 अरब डॉलर प्रस्तावित किए हैं.
मिली जानकारी के अनुसार इस बात का चला है कि भारत में वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करते हैं लेकिन अमेरिका में इससे बिल्कुल अलग राष्ट्रपति बजट का प्रस्ताव जारी करते हैं. यह प्रस्ताव संसद के पास भेजा जाता है. संसद में लंबी बहस के बाद इस पर मतदान होता है. ह्वाइट हाउस ने संसद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के बजट को 25 अरब डॉलर (करीब 1.78 लाख करोड़ रुपये) करने की मांग की है. इस एजेंसी के बजट में पिछले कई साल से गिरावट हो रही है. बजट का बड़ा हिस्सा नासा के चंद्र और मंगल अभियानों पर खर्च किए जाने का अनुमान है.
वहीं इस बात पर भी गौर किया जा रहा है कि भारत और चीन के लिहाज से भी यह बढ़ोतरी काफी ज्यादा हुई है. वहीं वर्ष 2019 में चीन का रक्षा बजट 12.6 लाख करोड़ रुपये रहा है जबकि भारत ने 2020-21 के बजट में रक्षा क्षेत्र को मिलने वाले बजट में महज 6 फीसद का इजाफा किया है. इसे 2019-20 की तुलना में 3.18 लाख करोड़ से बढ़ाकर 3.37 लाख करोड़ रखा गया है. नए और अत्याधुनिक हथियारों की खरीद के लिए सेना को 1,10,734 करोड़ का आवंटन किया गया है. इस बजट में यदि रक्षा पेंशन को भी जोड़ दिया जाए तो इस बार का ये बजट करीब 4.7 लाख करोड़ का है.
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