न्यूयाॅर्क: भारत के लिए यह सुखद बात है कि उसे संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए दूसरे देशों का समर्थन मिल रहा है। जी हां, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने भारत को स्थायी सदस्यता दिए जाने की बात का समर्थन किया है। इस मामले में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सुनवाई की गई जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री ने तीन नेताओं को धन्यवाद दिया। यही नहीं भारत को असैन्य उपयोग के लिए परमाणु प्रदान करने की दिशा में भी व्यापक बदलाव आया है।
इस दौरान इन तीनों देशों ने भारत को एनएसजी और प्रक्षेपास्त्र नियंत्रण व्यवस्था में भागीदारी करने का समर्थन किया। यही नहीं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई चर्चा सार्थक रहेगी। यही नहीं फ्रांस के राष्ट्रपति आलोंद और ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरून की मुलाकात भी नए अध्याय जोड़ेगी।
इस चर्चा के साथ ही इस मीट को पाॅवर मंडे नाम भारत के विदेश विभाग के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने की है। भारत और अमेरिका आखिर किस तरह से इस मसले पर चर्चा कर सकते हैं। यह इन नेताओं के लिए विचार का बिंदू रहा है। यदि ऐसा होता है तो देश को अपनी विद्युतीय खपत के लिए परमाणु तत्व की आपूर्ति करने में आसानी होगी।
उल्लेखनीय है कि भारत फ्रांस से भी लड़ाकू हेलिकाॅप्टर खरीद चुका है दूसरी ओर अमेरिका से अपाचे और शिकून को खरीदने की डील की गई है। ऐसे में भारत के इन देशों के साथ व्यापारिक संबंध और मजबूूत होंगे जिसका राजनीतिक मसलों पर भी अच्छा असर पड़ेगा।