लखनउ। आखिकार मुलायम सिंह परिवार में चाचा भतीजे का रिश्ता टूटने से बचा लिया गया है। घर परिवार के मुखिया मुलायम ने न केवल चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव के बीच सुलह करा दी है वहीं इसके चलते अखिलेश को राज्य पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया है।
बताया गया है कि अखिलेश नेताजी से पूरी तरह खुश हो गये है। बीते दिनों से मुलायम कुनबे की लड़ाई सड़क पर आ गई थी। अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच का झगड़ा सुलझाने के लिये मुलायम सिंह ने काफी मशक्कत की। इसके चलते अब यह झगड़ा लगभग सुलझा लिया गया है।
शिवपाल को जहां दो अन्य मंत्रालयों का प्रभार पहले ही सौंपा जा चुका है तो वहीं अब अखिलेश को भी संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर उनके अधिकारों में बढ़ोतरी कर दी गई है।
मन मांगी मुराद मिल गई
अखिलेश को संसदीय बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद मनमांगी मुराद मिल गई है। वह टिकट बंटवारे को अपने अधिकार क्षेत्र में रखना चाहते थे। संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बाद उनकी ही टिकट बंटवारे में तूती बोलेगी। इधर अखिलेश ने शिवपाल को ही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बने रहने के लिये कहा है।
इसके पहले यह खबर आई थी कि शिवपाल से पार्टी अध्यक्ष पद लेकर फिर से अखिलेश को दिया जा रहा है। अब यह बात अलग है कि अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल को पीड्ब्ल्यूडी विभाग नहीं देते हुये इस विभाग को अपने पास ही रखा है। हालांकि बाकी अन्य सभी छीने हुये विभागों को लौटा दिया गया है।
इसके अलावा लघु सिंचाई और स्वास्थ्य शिक्षा विभाग का भी दायित्व शिवपाल को सौंपा गया है। गौरतलब है कि अखिलेश ने यह कहा था कि वे नेताजी की हर बात मानने के लिये तैयार है लेकिन टिकट बांटने का अधिकार तो उन्हें ही चाहिये। कुल मिलाकर अब मुलायम ने अपने बेटे के साथ ही अपने भाई को भी मनाकर पार्टी और परिवार में आये तूफान को शांत कर दिया है।