नितीश, KCR के बाद अब केजरीवाल, 23 मई से 'मिशन 2024' में जुटेंगे, भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की रणनीति
नितीश, KCR के बाद अब केजरीवाल, 23 मई से 'मिशन 2024' में जुटेंगे, भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की रणनीति
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नई दिल्ली: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले तमाम विपक्षी दल अभी से ही भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने में लगे हुए हैं। जहां एक ओर पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम किया, तो वहीं दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लगातार विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर भाजपा को हराने के लिए एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक नितीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, शिवसेना (UBT) चीफ उद्धव ठाकरे, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिल चुके हैं। अब नितीश, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने वाले हैं। उधर दक्षिण में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव (KCR) भी भाजपा के खिलाफ अलग से मोर्चा खोले हुए हैं और लगातार नेताओं से मिल रहे हैं। 

वहीं, अब दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल  को लेकर जानकारी सामने आ रही है कि वो भी 23 मई से विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगे। अब ऐसे में वो किन विपक्षी नेताओं से मुलाकात करते हैं। इस पर सभी की नजरें रहेंगी। बता दें कि आज सोमवार (22 मई) को फिर केजरीवाल की बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात हुई है। अब तक दो दफा दोनों नेताओं के बीच बैठकें हो चुकी है। जिसमें नीतीश कुमार ने खुलकर केजरीवाल का समर्थन किया है। बता दें कि नीतीश कुमार ने हाल ही में केंद्र  सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ आवाज़ उठाई थी। नितीश ने केंद्र द्वारा लाए गए इस अध्यादेश को असंवैधानिक बताया था। जिस पर सीएम केजरीवाल ने कहा था कि नीतीश कुमार हमारे और दिल्ली की जनता के साथ खड़े हुए हैं। वहीं, नीतीश कुमार ने भी इस बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि यदि सभी विपक्ष एकजुट होकर केंद्र द्वारा लाए गए इस अध्यादेश को राज्यसभा में पारित ना होने दें, तो इससे देशभर में यह संदेश जाएगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को पराजित किया जा सकता है।

बता दें कि, इससे पहले कर्नाटक में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान भी विपक्षी एकता का दृश्य देखने को मिला था, जब सभी विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर दिखाई दिए थे । बहरहाल,  अब आगामी लोकसभा चुनाव में लगभग 1 साल का वक़्त शेष रह गया है, तो ऐसी सूरत में अरविंद केजरीवाल सियासी घेराबंदी को मजबूत करने की दिशा में किन-किन विपक्षी नेताओं से मुलकात करते हैं और क्या रणनीति बनाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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