11 साल बाद मिली उम्रक़ैद की सज़ा
11 साल बाद मिली उम्रक़ैद की सज़ा
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साल 2007 में ग्राम चिडियों, डाकपत्थर में एक पत्नी ने अपने प्रेमी और प्रेमी के दोस्त के साथ मिलकर अपने पति की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी. इस मामले में एडीजे पंचम की कोर्ट ने मृतक की पत्नी, उसके प्रेमी और एक अन्य व्यक्ति को दोषी करार दिया और तीनों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है, साथ ही 50-50 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. 

पुलिस के अनुसार 26 मार्च 2007 को प्रदीप कुमार के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया गया था. उसके पिता ने प्रदीप की पत्नी बाला देवी, मोहर सिंह उर्फ मोहन सिंह, सिकंदर उर्फ छोटू, पर शक़ ज़ाहिर किया था. पुलिस को 29 मार्च 2007 को एक युवक का शव पुल नंबर एक नवाबगढ़, शक्तिनहर से बरामद हुआ था. शव को कुल्हाड़ी से काटने के बाद बोरे में बांधकर शक्ति नहर में फेंका गया था. शव की शिनाख्त प्रदीप के रूप में हुई, जिसकी शिनाख्त उसके पिता रूपराम ने की थी.

पुलिस ने खुलासा किया कि बाला देवी और मोहर सिंह के बीच प्रेम प्रसंग था, इसी के चलते दोनों ने सिकंदर उर्फ छोटू के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई. तीनों ने मिलकर 23 मार्च 2007 को प्रदीप की हत्या कर दी थी. तीनों ने हत्या के बाद शव को बोरे में बांधकर शक्ति नहर में फेंक दिया था, जिसे एक हफ्ते बाद पुलिस ने बरामद कर लिया था.

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