Wrestling in Asian Games में कुश्ती ट्रायल पर फैसला नहीं ले सकी तदर्थ समिति
Wrestling in Asian Games में कुश्ती ट्रायल पर फैसला नहीं ले सकी तदर्थ समिति
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भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की तदर्थ समिति की मंगलवार को यहां हुई बैठक में एशियाई खेलों और वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए कुश्ती ट्रायल कराने की तारीख तय नहीं हो सकी चूंकि एशियाई ओलंपिक परिषद (OCA) ने 15 जुलाई की समय सीमा बढ़ाने के उसके अनुरोध पर अभी तक उत्तर नहीं दिया है। आईओए को एशियाई खेलों में भाग लेने वाले सभी भारतीय खिलाड़ियों के नाम 15 जुलाई तक देने वाले है। यह वक़्त सीमा बढ़ाकर 10 अगस्त करने का अनुरोध किया गया है ताकि प्रदर्शनकारी पहलवानों को तैयारियों के लिए वक़्त मिल जाए। 

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और एशियाई खेल गोल्ड मेडल विजेता विनेश फोगाट सहित छह पहलवानों ने खेल मंत्रालय से एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए तैयारी का अतिरिक्त वक़्त की मांग की है। तदर्थ समिति ने उन्हें एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप ट्रायल से रियायत दे दी है और अब उन्हें बस एक मुकाबला खेलना होगा। इस फैसले की बहुत ही ज्यादा आलोचना का भी सामना करना पड़ गया।

समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा ने इस बारें में बोला है कि, ''एक दो दिन इंतजार करिए। हमें उम्मीद है कि ओसीए का जवाब एक या दो दिन में आ ही जाएगा। हमें अभी कोई संकेत नहीं मिला है लेकिन हमें बृहस्पतिवार तक अच्छी खबर मिलने का अनुमान भी लगया जा रहा है।'' कुश्ती कोच और समिति के सदस्य ज्ञान सिंह ने बोला है, ''अभी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन हमें लगता है कि समय सीमा बढ़ सकती है। अब छह जुलाई को फिर बैठक की जाने वाली है। ट्रायल इतने कम समय में नहीं कराए जा सकते। मुझे यकीन है कि समय सीमा आगे बढाई जाएगी।''

तदर्थ समिति में मतभेद:  तदर्थ समिति में मतभेद का संकेत देते हुए उन्होंने इस बारें में बोला है कि बाजवा सारे निर्णय  खुद लेना चाहते हैं और ऐसा लगता है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) का पुराना सेटअप ही काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ''बाजवा हमसे ज्यादा बात नहीं करते। मैं बैठक में इसलिए आता हूं क्योंकि मैं नहीं चाहता कि पहलवानों को हानि हो।'' सिंह ने यह भी बोला है कि उन्होंने इस्तीफा देने की सोची लेकिन पहलवानों के लिए समिति में बने रहने चाहिए । उन्होंने बोला है कि,''जब से मुझे समिति में चुना गया है, मैंने सुमा शिरूर को एक भी बैठक में नहीं देखा। वह समिति में क्यों हैं। मैंने सुना है कि वह भोपाल में कोचिंग भी कर रही है। मैंने उन्हें सोनीपत में ट्रायल में देखा था लेकिन समिति में आने के बाद से मैंने उन्हें नहीं देखा।'' शिरूर राष्ट्रीय राइफल निशानेबाजी कोच हैं।

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