गिरफ़्तारी पर रोक लगते ही सैफई जा पहुंचे अब्बास अंसारी, कई महीनों से थे फरार
गिरफ़्तारी पर रोक लगते ही सैफई जा पहुंचे अब्बास अंसारी, कई महीनों से थे फरार
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए देश के बड़े नेता सैफई पहुंच रहे हैं। राज्य के विधायकों और सांसदों का तो सैफई में जमावड़ा लगा हुआ है। इसी बीच गुरुवार को माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और MLA अब्बास अंसारी भी सैफई पहुंचे और मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि, सर्वोच्च न्यायालय ने अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इस दौरान उनकी अखिलेश यादव के साथ एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है।

मुलायम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अब्बास अंसारी ने फेसबुक पोस्ट पर उन्हें याद किया और बताया कि कैसे नेताजी उनके परिवार के खास थे। अब्बास ने कहा कि मुलायम ने हर स्थिति में हमारा और परिवार का हाथ थामे रखा। अब्बास अंसारी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि, 'मेरे वालिद जनाब मुख़्तार अंसारी साहब के अभिभावक परम आदरणीय मुलायम सिंह यादव ‘नेता जी’ को श्रद्धांजलि देने आज सैफई पहुंचा। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी से मिल कर खिराज ए अक़ीदत पेश की। नेता जी ने हमेशा अभिभावक के रूप में हर हालात में हमारा मार्गदर्शन किया, हमारा हाथ थामे रखा। नेता जी आपका जाना ऐसा है कि जिसकी भरपाई की ही नही जा सकती। बस ये अहसास सुकून देगा कि हमने आपको देखा है। आपको सुना है और आपके विराट व्यक्तित्व की छांव में रहे हैं।'

बता दें कि, यूपी विधानसभा चुनाव के बाद से ही फरार चल रहे विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ी राहत दी है। दरअसल, आर्म्स एक्ट के मामले में आरोपी अब्बास अंसारी पर गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा था और वो भागे-भागे फिर रहे थे। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास को अंतरिम राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके बाद पहली दफा अब्बास अंसारी सार्वजनिक स्थान पर दिखाई दिए और उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव से भी मुलाकात की।

बता दें कि, अब्बास के पिता मुख्तार अंसारी बांदा जेल में सजा काट रहे है। वहीं, अब्बास अंसारी भी कई दिनों से फरार चल रहे थे। अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में मऊ से MLA निर्वाचित हुए थे। इस चुनाव के दौरान उन्होंने एक भाषण में कहा था कि, सपा की सरकार बनने पर 6 माह तक किसी भी अधिकारी, कर्मचारी का तबादला नहीं होगा, पहले उनका हिसाब-किताब किया जाएगा और इसके बाद ही उनका कहीं ट्रांसफर या पोस्टिंग की जाएगी। अब्बास ने यह धमकी सीधे यूपी पुलिस को दी थी, इसके बाद उनके घर से हथियार भी बरामद हुए थे। जब अरेस्ट वारंट जारी हुआ तो अब्बास फरार हो गए, लेकिन उनकी तरफ से बड़े -बड़े वकील अंतरिम जमनात के लिए लगातार अदालतों का दरवाजा खटखटाते रहे। यूपी पुलिस अब्बास पर कोई एक्शन लेती, इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से राहत दे दी और अब वे फिर से सार्वजनिक रूप से नज़र आने लगे। 

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