एक ऐसा मंदिर जहाँ गर्मी से माता को भी आता है पसीना
एक ऐसा मंदिर जहाँ गर्मी से माता को भी आता है पसीना
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आज भी हमारे देश में बहुत से मंदिर ऐसे है, जो व्यक्ति को आश्चर्य चकित कर देते है, तथा अपने इसी अनोखेपन के कारण यह धार्मिक आस्था का केंद्र माने जाते है. ऐसा ही एक मंदिर मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित है, जिसे काली माई का मंदिर कहा जाता है. इस मंदिर की ख़ास बात यह है, की जिस प्रकार मनुष्यों को गर्मी लगती है, उन्हें पसीना आता है, उसी प्रकार इस मंदिर में विराजित माता काली को भी गर्मी का एहसास होता है, व मनुष्यों की तरह ही उन्हें भी पसीना आता है. इसी कारण से इस मंदिर में AC का उपयोग किया जाता है. जिससे माता को गर्मी से बचाया जा सके.

कहा जाता है, की इस मंदिर में स्थापित माता की मूर्ती को गोंडवाना साम्राज्य के समय स्थापित किया गया था. माता काली की इस चमत्कारी प्रतिमा को भी गर्मी का एहसास होता है, व जब भी मंदिर का AC बंद हो जाता है, तो माता की मूर्ती से पसीना निकलने लगता है, जिसे आप भी आसानी से देख सकते है.

मंदिर का इतिहास- इस मंदिर के इतिहास के विषय में मंदिर ट्रस्ट के पुजारियों का कहना है, की रानी दुर्गावती के शासनकाल में माता काली की इस मूर्ती को मदनमहल में बने एक मंदिर में स्थापित करने के लिए मंडला से बुलवाया गया था. माता काली की इस मूर्ती के साथ ही शारदा देवी की मूर्ती भी थी. जिसे बैलगाड़ी के माध्यम से लाया जा रहा था, लेकिन जैसे है बैलगाड़ी जबलपुर के सदर बाजार में पहुंची उसी स्थान पर खड़ी हो गई व रात्री को एक बालिका के स्वाप्न में माता काली ने दर्शन देकर उस मूर्ती को वहीं स्थापित करने का आदेश दिया. जिसके बाद माता काली की मूर्ती को वहां स्थित तालाब के बीच में स्थापित कर दिया गया. माना जाता है, की आज भी माता काली इस मंदिर में मौजूद है, इसी वजह से रात्री के समय किसी को भी इस मंदिर में रुकने की इजाजत नहीं दी जाती है.

 

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