हनुमान जी के जीवन से जुड़े ये रहस्य आपको भी अचंभित कर देंगे
हनुमान जी के जीवन से जुड़े ये रहस्य आपको भी अचंभित कर देंगे
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हनुमान जी कलयुग में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक है, इनकी पूजा करने से व्यक्ति की सभी समस्याएँ दूर हो जाती है, लेकिन आप हनुमान जी के केवल एक ही पहलू को जानते है कि वह ब्रह्मचारी है और राम के परम भक्त है, जिन्होंने सीता की खोज व रावण से युद्ध में भगवान राम का साथ दिया था. किन्तु हनुमान जी के विषय में कुछ बातें ऐसी है, जिन्हें शायद आप नहीं जानते होंगें.  

हनुमान जी का विवाह– वैसे तो सभी यही जानते है कि हनुमान जी ब्रह्मचारी थे और उन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने की शपथ ली थी. परन्तु आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनकी शिक्षा के दौरान उनका विवाह पूरे विधि-विधान के साथ हुआ था. यह उस समय की बात है जब हमुमान जी अपनी शिक्षा लगभग पूर्ण कर चुके थे, लेकिन एक शिक्षा शेष रह गई थी. जिसे सूर्यदेव केवल एक विवाहित को ही प्रदान कर सकते थे, इस बात को जानकर हनुमान जी दुविधा में पड़ गए. सूर्यदेव से हनुमान जी की यह दुविधा देखी नहीं गई, तब उन्होंने अपनी पुत्री सुवर्चला का विवाह हनुमान जी से कर दिया और हनुमान जी ने सूर्य देव की शर्त पूर्ण कर अंतिम शिक्षा भी पूर्ण कर ली. व उन्होंने गृहस्थ जीवन में प्रवेश नहीं किया उनके विवाह के तुरन्त बाद ही उनकी पत्नी सुवर्चला तपस्या करने चली गई थी. 

शनिदेव व हनुमान जी का रिश्ता– शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र है, इसी कारण से सुवर्चला उनकी बहन हुई और उनसे विवाह करने के बाद हनुमानजी शनि देव के बहनोई बन गए. इसी वजह से माना जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने पर शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है.

हनुमंत रामायण की रचना– लंका विजय के पश्चात भगवान राम अयोध्या वापस आ गए थे. भगवान राम के राज्याभिषेक के बाद हनुमान जी हिमालय पर्वत पर चले गए, जहां उन्होंने हिम शिलाओं पर अपने नाखून से रामायण की रचना की थी, जो सर्वश्रेष्ठ थी. लेकिन वाल्मीकि जी ने भी रामायण की रचना की थी और हनुमान जी की रामायण देखकर वह उदास हो गए थे, जिसकी वजह से हनुमान जी ने अपने द्वारा लिखी रामायण को शिलाखंड सहित समुद्र में फेंक दिया और वाल्मीकि जी की रामायण को प्रथम रामायण कहलाने का वचन दिया.

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