इसलिए इस नदी का जल सदा उबलते रहता है
इसलिए इस नदी का जल सदा उबलते रहता है
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भारत धर्म प्रधान देश है जहाँ कई प्रकार की भाषा बोली जाती है हिन्दू धर्म प्रधान देश होने के कारण यहाँ बहुत से मंदिर विद्यमान है और कई देवी देवताओं की पूजा की जाती है भारत में विद्यमान सभी मंदिर के पीछे कुछ न कुछ कथाएं जुड़ी हुई है जो उस मंदिर के विषय से हमें परिचित कराती है. ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित है जिसे मणिकर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है, यह मंदिर बहुत है प्रसिद्ध है. आइये जानते है इस मंदिर के पीछे क्या कथा है जो इस मंदिर के महत्व को दर्शाती है.

इस मंदिर के विषय में मान्यता है की यहाँ पर भगवान् शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला था जिसके कारण यहाँ का जल उबलता है. हिमाचल प्रदेश में स्थित कुल्लू से 45 किलोमीटर दूर मणिकर्ण स्थित है जो हिन्दू एवं सिख धर्म का एतिहासिक स्थान है. पार्वती नदी यहीं से बहती है जिसके एक ओर शिव मंदिर तथा दूसरी तरफ सिख गुरु नानक का एतिहासिक गुरुद्वारा स्थित है.

यहाँ प्रचिलित कथा के अनुसार माता पार्वती के आभूषण की मणि नदी में स्नान व क्रीड़ा करते समय गिर गई थी जिसे खोजने के लिए भगवान् शिव ने अपने गणों को उसे ढूंढने के लिए भेजा गणों के बहुत प्रयास के बाद भी उन्हें वह मणि नहीं मिली.

जिससे क्रोधित होकर भगवान् ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया जिससे उनके नेत्र से नैना देवी की उत्पत्ति हुई. जिसके कारण इस स्थान को नैना देवी की जन्म स्थली के रूप में भी जाना जाता है.

नैना देवी ने पाताल लोक में शेषनाग से उस मणि को वापस करने के लिए कहा तब शेषनाग ने वह मणि भगवान् शिव को उपहार स्वरुप पुनः भेंट की जिससे भगवान् शिव का क्रोध शांत हुआ.

 

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