हाल ही में हरियाणा के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 साल के मासूम बालक की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. वही इस घटना से सबक लेकर मध्यप्रदेश के निजी विद्यालयों ने भी अब बच्चो की सुरक्षा को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दी है. आयुक्त लोकशिक्षण संचालनालय ने मान्यता नियम 2017 का हवाला देते हुए निजी स्कूलों के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टॉफ से शपथ-पत्र लेना अनिवार्य कर दिया है.
वही दुसरी और घमापुर स्थित भारत समाज सेवक स्कूल ने तो स्कूल में पहचान के तौर पर आधार कार्ड लाना अनिवार्य कर दिया है. स्कूल प्रबंधन ने नोटिस जारी कर साफ कर दिया है कि बिना आधार कार्ड दिखाएं अभिभावक या कोई भी पारिवारिक सदस्य बच्चे को विद्यालय से घर नहीं ले जा पाएंगे.
दो कर्मचारी करेंगे आधार की जांच
इस विद्यालय में अब दो कर्मचारियों के द्वारा आधार कार्ड की जांच की जाएगी. आधार कार्ड दिखाकर बच्चे को घर ले जाने की नई व्यवस्था शुरू होने के बाद तेजी से इसका असर भी देखने को मिला है.
विद्यालयों को इन नियमो के पालन भी करना होंगे
स्कूलों में महिला बस कंडक्टर रखना जरुरी है. यदि महिला कंडक्टर नहीं है तो स्कूल की कोई महिला शिक्षक या कोई कर्मचारी बच्चो को बस से घर तक छोड़ कर आए.
मान्यता के आवेदनों में रजिस्टर्ड बसों की सूची भी अनिवार्य रूप से शामिल की जाए.
स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे, शिकायत पेटी रखी जाए, बच्चों की काउंसलिंग के लिए पार्ट टाइम काउंसलर की व्यवस्था की जाए.
सीबीएसई, आईसीएसई स्कूलों में गैर शैक्षणिक स्टाफ जैसे कि माली, चौकीदार, ड्राइवर आदि का पुलिस वेरिफिकेशन सुनिश्चित कराना आवश्यक है.
संयुक्त संचालक, डीईओ, डीपीसी स्कूलों का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लें. और जो कमी पाई जाएं. उन्हें तुरंत दूर करे.
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