लोकतंत्र में वंशवाद की बात, उचित नहीं - उपराष्ट्रपति
लोकतंत्र में वंशवाद की बात, उचित नहीं - उपराष्ट्रपति
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नई दिल्ली : उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का मानना है कि लोकतंत्र में वंशवाद की बात कहना सही नहीं है. लोकतंत्र और वंशवाद साथ नहीं चल सकते, क्योंकि इससे राजनीतिक व्यवस्था कमजोर होती है. यह बात उन्होंने दिल्ली में एक पुस्तक के लोकार्पण के दौरान यह विचार व्यक्त किए.

उप राष्ट्रपति नायडू ने कहा,कि वे किसी खास पार्टी का जिक्र नहीं कर रहे. न तो इस पार्टी का और न ही उस पार्टी का. राहुल का नाम लिए बगैर कहा कि किसी ने अपने बयान में कहा था कि हर आदमी एक-दूसरे को फॉलो करने की कोशिश कर रहा है.

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 12 सितंबर को अमेरिका में बर्कले यूनिवर्सिटी में कहा था कि भारत में वंशवाद की राजनीति ही सभी पार्टियों की समस्या है.देश में अधिकांशतः ऐसा ही चल रहा है. इस अवसर पर उन्होंने मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव, अमिताभ के बेटे अभिषेक बच्चन, करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन, हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के बेटेअनुराग ठाकुर और धीरू भाई अम्बानी के बेटों मुकेश-अनिलअंबानी का  उदाहरण  दिया था.

बाद में स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल को जवाब देते हुए कहा था कि राहुल गांधीजी शायद वे भूल गए कि प्रधानमंत्री स्वयं गांव से आते हैं. वे सामान्य गरीब परिवार में जन्मे हैं. राष्ट्रपति भी उस परिवार से हैं जो हाशिए पर पड़े तबके से आते हैं. उपराष्ट्रपति भी किसान के बेटे हैं. संघर्ष के बाद उन्हें यह दायित्व हासिल हुआ है. लेकिन एक नाकाम वंशवादी अपनी नाकाम राजनीति को यूएस में जाकर बयां करता है.

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