बच्चों को न बस्ते का बोझ और न होमवर्क का तनाव
बच्चों को न बस्ते का बोझ और न होमवर्क का तनाव
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उज्जैन। तकनीकी, फार्मेसी और प्रबंधन की शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान स्थापित करने वाले एमआईटी ग्रुप ने आलोक इंटरनेशनल स्कूल शुभारंभ के साथ स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में भी नया कदम बढ़ाया है। इसका शुभारंभ  2 अप्रैल को गृहस्थ संत दद्दाजी और अभिनेता आशुतोष राणा के हाथों संपन्न होगा। इसके साथ ही एमआईटी ग्रुप ने भी बीते एक वर्ष में नई उपलब्धियां हांसिल की है।

शनिवार को मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए ग्रुप के चैयरमेन प्रवीण वशिष्ठ और आलोक इंटरनेशनल के चेयरमेन आलोक वशिष्ठ ने विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्कूल में नर्सरी से लेकर कक्षा सातवीं तक के लिए मान्यता मिली है। अभी मध्यप्रदेश बोर्ड से मान्यता है और जल्द ही सीबीएसई से भी मान्यता प्राप्त कर ली जाएगी। बावजूद इसके बच्चों को सीबीएसई पेटर्न पर ही शिक्षा देने का संकल्प लिया गया है।

संस्था के पदाधिकारियों ने यह बताया कि स्कूल में बच्चों को न तो बस्तों का ही बोझ होगा और न होमवर्क का तनाव। क्योंकि स्कूल के क्लास रूमों में ही हर बच्चों को काॅपी किताब रखने की सुविधा तो होगी ही वहीं महज दो विषयों का ही सरल होमवर्क दिया जाएगा। इसके अलावा प्रसिद्ध दून स्कूल की तर्ज पर तो शिक्षा दी जाएगी वहीं भारतीय संस्कृति व भारतीय खेलों के क्षेत्र में भी बच्चों को दक्ष किया जाएगा। स्कूल संचालन इस नवीन शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा और बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पदाधिकारियों का दावा है कि अन्य बड़े स्कूलों की अपेक्षा फीस भी कम रखी गई है। 

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